लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी लंदन के चार दिवसीय दौरे से लौटे हैं. उन्होंने बताया कि कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने सीएसआर फंड के तहत उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सहयोग करने के लिए तैयार हैं.
शिक्षा व्यवस्था में विदेशी कंपनियां करेंगी सहयोग. विधान भवन मे आयोजित पत्रकार वार्ता में बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने बताया कि चार दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने ब्रिटिश काउंसिल की ओर से आयोजित वर्ल्ड एजुकेशन फोरम में विश्व के अन्य देशों की शिक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी हासिल की. यह जानकर उन्हें अच्छा लगा कि उत्तर प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा का स्तर दुनिया के बहुत सारे देशों के मुकाबले बहुत अच्छा है.
इस आयोजन में लगभग डेढ़ सौ देशों ने शिरकत किया और सभी देशों की शिक्षा व्यवस्था के बारे में आंकलन पेश किया गया. उसके अनुसार 10 वर्ष की आयु वाले 53 फीसदी बच्चे लिखा हुआ पढ़ नहीं पाते है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के बारे में फोरम में बताया यहां हालात बेहतर हैं. सभी ऐसे उम्र के बच्चे लिखा हुआ पढ़ने में समर्थ हैं.
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शिक्षा व्यवस्था में कंपनियों ने दिखाई गहरी रुचि
बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और सरकार की ओर से स्कूलों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी दी. वहीं अन्य देशों के प्रतिनिधियों को बड़ा आश्चर्य हुआ. यहां तक कि माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी बड़ी कंपनियों ने उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में गहरी रुचि दिखाई. यह कंपनियां उत्तर प्रदेश में अपने सीएसआर फंड के तहत आर्थिक सहयोग करने के लिए भी तैयार दिखाई दीं. उन्होंने बताया कि ऐसे कई कंपनियों के प्रतिनिधियों और सामाजिक संस्थाओं ने उत्तर प्रदेश आकर सहयोग करने की पेशकश की है.