लखनऊ: राजधानी में विगत माह फैले डेंगू के संक्रमण से निपटने के लिए नगर निगम ने 110 नई फॉगिंग मशीनें खरीदी थीं. इन मशीनों को खरीदने का मुख्य मकसद यह था कि राजधानी की उन गलियों में जहां पर नगर निगम की गाड़ियां नहीं जा सकती हैं, इन साइकिलों पर फागिंग मशीन लगाकर दवाओं का छिड़काव करना था, लेकिन यह मशीनें व साइकिल नगर निगम मुख्यालय में धूल फांक रही हैं.
जानकारी देते नगर स्वास्थ्य अधिकारी. ईटीवी भारत ने जब नगर निगम द्वारा खरीदी गई इन चार्जिंग मशीनों व साइकिल की पड़ताल की तो सच्चाई खुलकर सामने आ गई. नगर निगम के अधिकारियों का भले ही दावा है कि खरीदी गई सभी साइकिल वह फॉगिंग मशीनें सभी वार्डों के पार्षदों के बीच वितरित कर दी गई हैं और वार्डों में दवाओं का छिड़काव कराया जा रहा है, लेकिन नगर निगम मुख्यालय में बड़ी संख्या में यह साइकिल व फॉगिंग मशीनें धूल फांक रही हैं, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लखनऊ नगर निगम डेंगू को लेकर कितना गंभीर है.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस बारे में लखनऊ नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी एस के रावत का कहना है कि जिन वार्डों में नगर निगम की गाड़ियां नहीं जा सकती थीं, उन वार्डों में दवाओं के छिड़काव के लिए नई साइकिल एवं फॉगिंग मशीनें खरीदी गई थीं और इन फागिंग मशीनों को साइकिल पर लगाया गया था, जिससे वार्डों में जाकर दवा का छिड़काव कर सकें और इसके साथ ही लखनऊ में डेंगू का संक्रमण कम हो.
नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि सभी साइकिल व फॉगिंग मशीनें नगर निगम के पार्षदों को दे दी गई हैं, जिससे वह अपने वार्ड में दवाओं का छिड़काव कर सकें. हालांकि नगर निगम मुख्यालय में धूल फांक रही साइकिल व फॉगिंग मशीनों के बारे में उन्होंने कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लखनऊ नगर निगम खरीदी गई इन फॉगिंग मशीन व साइकिल के लिए कितना गंभीर है.
बताते चलें कि लखनऊ नगर निगम में 75 फॉगिंग मशीनें पहले से ही थीं और इसके साथ ही 2 माह पूर्व 50 साइकिल ऑफ फॉगिंग मशीनें खरीदी गई थीं. मशीनों व साइकिल की कमी को देखते हुए 110 नई साइकिल व फॉगिंग मशीनें और खरीदी गईं. इस तरह से कुल मिलाकर 245 साइकिल व फॉगिंग मशीनें नगर निगम के पास हैं, जहां कुछ साइकिल व फॉगिंग मशीनें पार्षदों के घर पर हैं. वहीं कई नई साइकिल वा फॉगिंग मशीनें नगर निगम मुख्यालय में धूल फांक रही हैं.