लखनऊ :आम आदमी का बजट लगातार बिगड़ता जा रहा है, चाहे सब्जियां हो या फिर अनाज, खेत से किचन तक पहुंचने की प्रक्रिया में इनके दाम जमीन से आसमान तक पहुंच जाते हैं. खेत से लेकर मंडी, फिर थोक व्यापारी और फुटकर व्यापारी तक पहुंचने में सब्जियों और अनाज के दाम कई गुना बढ़ जाते हैं. आइये जानते हैं 29 मार्च को क्या रहे सब्जियों के दाम.
कैसे बढ़ जाते हैं सब्जियों के दाम
उत्तर प्रदेश की अगर बात करें तो यहां पर मंडी समितियों में किसान के सामान पर 2.5 परसेंट लिया जाता था और आढ़ती भी अपना 2.5 परसेंट लेते हैं, यानि की समान का कुल दाम का 5 प्रतिशत दाम अपने आप बढ़ जाता है. किसानों को सहूलियत देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने मंडी समिति के 2.5 प्रतिशत को कम करके 1.5 प्रतिशत कर दिया है, जिसके बाद किसानों को अब कुल दाम का 5 प्रतिशत की जगह 4 प्रतिशत ही देना होता है. इसके बावजूद खेत से निकलने वाला सामान जब आम जनता के किचन तक पहुंचता है तो उसका दाम आसमान तक पहुंच जाता है. मंडी समितियों में किसान के अनाज को बड़े और थोक विक्रेता व्यापारियों को बेचा जाता है और उनके साथ-साथ फुटकर व्यापारी भी सामान लेकर जाते हैं जो अपने ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा और साथ-साथ सामान को बेचने की पैकेजिंग के साथ सामान का दाम वसूल करते हैं.
ये भी हैं मुख्य कारण
खेत से लेकर किचन तक इन लंबी कड़ियों के चलते जिन सामान के दाम उदाहरण के तौर पर 10 रुपए हैं वह बढ़ते-बढ़ते 25 से 30 रुपए पहुंच जाते हैं. साथ ही कई बार खराब मौसम, ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल और पेट्रोल-डीजल के बढ़े दाम यह सभी बड़े कारण बन जाते हैं, जिसके चलते सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिलती है.