लखनऊ:साल 2019 में कोरोनावायरस ने दस्तक दी इसके बाद साल 2020 में कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने पूरी दुनिया को हिला दिया आलम यह था कि कोरोना की दूसरी लहर में हर किसी ने किसी ना किसी अपने को जरूर खोया. 2021 में कोरोना की वैक्सीन आई, स्थिति थोड़ी सी संभली. साल 2022 में कोरोना के भय से बीता. वहीं साल 2023 तक लोगों की इम्यूनिटी इतनी कमजोर हो गई थी. बड़ी ही आसानी से कोई भी वायरल फ्लू किसी को भी अपनी चपेट में ले ले रहा है. यह बात सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एस देव ने कही.
उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस ने इतनी बुरी तरह से सेहत पर असर डाला है कि अब मरीज को आसानी से अन्य बीमारियां भी अपनी चपेट में ले लेती हैं. कमजोर इम्यूनिटी होने पर कब्ज, अपच, एसिडिटी आदि समस्याएं होने लगती हैं. साथ ही व्यक्ति को पेट में दर्द आदि समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. कोरोना के कारण जल्दी-जल्दी लोगों की तबियत करने खराब होने लगी है. इम्यूनिटी खराब होने के कारण मरीज जल्दी-जल्दी बीमार पड़ना लगता है और मरीज को कमजोरी काफी ज्यादा हो जाती है. कई बार ऐसे केस में मरीजों का वजन भी कम हो जाता है.
संचारी रोग ने भी बढ़ा दी थी दिक्कतें:केजीएमयू के पलमोनरी एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ वेदप्रकाश ने बताया कि पहले से ही कोरोनावायरस ने ही मरीजों का जीना मुहाल किया था. उसके बाद संचारी रोग जिसमें डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया जोकि अक्टूबर-नवंबर के महीने में तेजी से फैला था और सभी लोग इससे प्रभावित हुए थे. ऐसे में किसी भी मरीज की रिपोर्ट तो पॉजिटिव नहीं आ रही थी, लेकिन कमजोरी और बदन में दर्द से मरीजों का हाल बेहाल हो गया था.