लखनऊ : पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश होने के बाद मैदानी क्षेत्रों में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. मानसून सक्रिय होने के बाद इस बार पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश हो रही है. वहीं नेपाल के तराई वाले इलाकों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उत्तराखंड के नजदीकी जिलों बाढ़ का खतरा काफी बढ़ गया है. चिंता की बात यह है कि पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में बारिश का क्रम बदस्तूर जारी है. मौसम विभाग के अनुसार आगामी 17 जुलाई तक वर्षा जारी रह सकती है. स्वाभाविक है कि तटवर्ती इलाकों के लोगों और सरकार के लिए चिंता का विषय है. हालांकि सरकार ने हर स्तर पर अपनी तैयारी की बात कही है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात करें तो बिजनौर और मुरादाबाद जिलों में पहाड़ों पर हो रही बारिश का असर दिखाई देने लगा है. यहां गंगा उफान पर है तो वहीं कोटावाली, मालन और लकड़हान जैसी सहायक नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. दो दिन पहले गंगा में हरिद्वार स्थित गौड़ा बैराज से 17 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया है, जिसके बाद क्षेत्र में बाढ़ की चेतावनी जारी की जा चुकी है. इन जिलों में सैकड़ों एकड़ फसलें डूब चुकी हैं. कुछ क्षेत्रों में पानी रिहायशी इलाकों में भी बढ़ने लगा है. सहारनपुर में भी लगातार हो रही बारिश से बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं. यहां की ढमोला नदी में आई बाढ़ के कारण कई गांवों के लोग संकट में आ गए हैं. शामली, अमरोहा, संभल, बरेली, पीलीभीत और रामपुर जिलों में भी प्रशासन सतर्क हो गया है. इन जिलों में भी नदियों पानी लगातार बढ़ रहा है.