उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में भी मंडराने लगा बाढ़ का खतरा, प्रशासन सतर्क

पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश होने के बाद उत्तर प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ का पानी कहर ढा रहा है. कई जिलों में हालात काफी बिगड़ गए हैं. ऐसे में प्रशासन के साथ शासन स्तर से मंत्री भी अपने स्तर से हालात सुधारने की दिशा में काम कर रहे हैं. इसी कड़ी में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने कई जिलों का दौरा किया.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Jul 12, 2023, 8:04 PM IST

लखनऊ : पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश होने के बाद मैदानी क्षेत्रों में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. मानसून सक्रिय होने के बाद इस बार पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश हो रही है. वहीं नेपाल के तराई वाले इलाकों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उत्तराखंड के नजदीकी जिलों बाढ़ का खतरा काफी बढ़ गया है. चिंता की बात यह है कि पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में बारिश का क्रम बदस्तूर जारी है. मौसम विभाग के अनुसार आगामी 17 जुलाई तक वर्षा जारी रह सकती है. स्वाभाविक है कि तटवर्ती इलाकों के लोगों और सरकार के लिए चिंता का विषय है. हालांकि सरकार ने हर स्तर पर अपनी तैयारी की बात कही है.

बाढ़ से निपटने को लेकर किए जा रहे इंतजाम.
उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में बाढ़ का खतरा.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात करें तो बिजनौर और मुरादाबाद जिलों में पहाड़ों पर हो रही बारिश का असर दिखाई देने लगा है. यहां गंगा उफान पर है तो वहीं कोटावाली, मालन और लकड़हान जैसी सहायक नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. दो दिन पहले गंगा में हरिद्वार स्थित गौड़ा बैराज से 17 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया है, जिसके बाद क्षेत्र में बाढ़ की चेतावनी जारी की जा चुकी है. इन जिलों में सैकड़ों एकड़ फसलें डूब चुकी हैं. कुछ क्षेत्रों में पानी रिहायशी इलाकों में भी बढ़ने लगा है. सहारनपुर में भी लगातार हो रही बारिश से बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं. यहां की ढमोला नदी में आई बाढ़ के कारण कई गांवों के लोग संकट में आ गए हैं. शामली, अमरोहा, संभल, बरेली, पीलीभीत और रामपुर जिलों में भी प्रशासन सतर्क हो गया है. इन जिलों में भी नदियों पानी लगातार बढ़ रहा है.

उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में बाढ़ का खतरा.
यूपी की प्रमुख नदियां.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लिया जा रहा जायजा.


मध्य उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल में भी नदियों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. गंगा, यमुना, शारदा (काली), घाघरा (करनाली), रामगंगा, राप्ती, गंडक और रोहिणी आदि नदियों में बढ़ते जलस्तर ने बदायूं, बाराबंकी, हापुड़, कुशीनगर, गोंडा, बलरामपुर, शाहजहांपुर, सीतापुर, लखीमपुर, बहराइच, श्रावस्ती, फर्रुखाबाद आदि जिलों में खतरे की स्थिति पैदा हो गई है. मैदानी क्षेत्र से बहने वाली सहायक नदियों गोमती, वरुणा, सई, पाणडो, ईसन, सरायन आदि में भी पानी बढ़ रहा है. पठारी क्षेत्रों से निकलने वाली चंबल, बेतवा, केन, रिहंद, टोंस (तमसा) और कन्हार आदि नदियां भी विकराल रूप लेता दिखाई दे रही हैं. इसके कारण अयोध्या, अमेठी, रायबरेली, कौशांबी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, सुल्तानपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, अंबेडकरनगर, जौनपुर, संतकबीरनगर, गोरखपुर, महाराजगंज, वाराणसी, आजमगढ़, मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर, बलिया, मऊ और देवरिया आदि जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. यदि कुछ दिन और ऐसे ही बारिश हुई और नेपाल और उत्तराखंड से पानी छोड़ा गया तो, बाढ़ आने की आशंका और बढ़ेगी.




यह भी पढ़ें : एसडीएम ज्योति मौर्या केस में पुलिस ने नहीं लिया एक्शन, इसलिए बढ़ी इतनी टेंशन

ABOUT THE AUTHOR

...view details