लखनऊ : उत्तर प्रदेश ने बीते पांच वर्षों में पर्यटन के क्षेत्र में काफी तेजी से ग्रोथ किया है. यूपी में बीते कुछ वर्षों में देश व विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ी है, तो वहीं मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में विकास के साथ ही हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को भी तेजी से बढ़ाने की तैयारी चल रही है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद से उत्तर प्रदेश का पर्यटन का ग्राफ तेजी से बढ़ा है, लेकिन उस हिसाब से होटल रिसोर्ट और हॉस्पिटैलिटी के सेक्टर में ग्रोथ न होने से उत्तर प्रदेश पर्यटन को मजबूती नहीं मिल पा रही, जो उसे चाहिए. ऐसे में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने अब इस सेक्टर पर भी ध्यान देना शुरू कर दिया है. इसके लिए उत्तर प्रदेश में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के साथ ही होटल और रिसॉर्ट की संख्या में बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग ने अपने नए स्टार वर्गीकरण पोर्टल को लांच किया है, जिसके माध्यम से पर्यटन विभाग अब उत्तर प्रदेश में नए व पुराने होटलों को प्लेटिनम, डायमंड, गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज कैटेगरी में रेटिंग करेगा. होटल को उनकी रेटिंग देने के साथ ही उनके नियम में भी काफी बदलाव किया गया है.
अब 10 कमरों के होटल पर ही मिल सकेगी फाइव स्टार की रेटिंग : प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने बताया कि 'उत्तर प्रदेश में होटल के वर्गीकरण के लिए जो नई पॉलिसी तैयार की है, उसके तहत कम से कम 10 कमरों वाले होटल को प्लेटिनम रेटिंग (फाइव स्टार रेटिंग) मिल सकेगी. उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति नया होटल बना रहा है और वह 10 कमरों का है तो नई वर्गीकरण नीति के तहत फाइव स्टार की रेटिंग जिसे प्लेटिनम रेटिंग कहते हैं, वह हासिल कर सकता है. भारत सरकार की मौजूदा रेटिंग में फाइव स्टार की रेटिंग के लिए हर कमरा ढाई सौ स्क्वायर फीट का होना अनिवार्य है. इसके लिए हर कमरे को 200 स्क्वायर फीट का होना चाहिए. साथ ही उसमें अटैच बाथरूम के साथ ही स्टैंडर्ड मानक के बेड सिक्योरिटी सिस्टम, वाई-फाई जैसी आधुनिक सुविधाओं का होना जरूरी है. प्रमुख सचिव ने बताया कि इसके अलावा प्लेटिनम रेटिंग के लिए 25 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था होना अनिवार्य है, जो हर रेटिंग के साथ-साथ बदलेगा. इसके अलावा हर कमरे में आने के जाने के लिए लिफ्ट और रैंप जैसी सुविधाएं होना आवश्यक है.'
100 से अधिक होटल का प्रस्ताव तैयार :प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि 'मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में प्रति एक लाख व्यक्ति पर केवल 35 कमरे ही होटल, रिसोर्ट आदि में उपलब्ध हैं, जबकि दूसरे प्रदेशों में विशेष तौर पर राजस्थान व अन्य प्रदेशों में प्रति लाख व्यक्ति पर 200 कमरे मौजूद हैं. उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग अगले तीन वर्षों में एक लाख व्यक्ति पर करीब 300 कमरों के लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है. उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में अयोध्या में करीब 50 होटल को बनाने का प्रस्ताव पर्यटन विभाग से पास हुआ है, जबकि बनारस, मथुरा और अन्य जिलों में भी 100 से अधिक होटल का प्रस्ताव तैयार हो चुका है. नए होटलों की रेटिंग को भी पर्यटन विभाग इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए लेकर आया है.'