लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की मंत्रि परिषद की मंगलवार को हुई बैठक में सोनभद्र के ओबरा में लगभग 18 हजार करोड़ रुपये (17985.27 करोड़) की लागत से 2×800 मेगावाट की ओबरा डी तापीय परियोजना की स्थापना (First ultra super critical power plant in UP) को मंजूरी दी गई है. परियोजना की स्थापना एनटीपीसी और राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी के संयुक्त उद्यम मेजा ऊर्जा निगम प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से होगी.
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि इस परियोजना की स्थापना में 70 प्रतिशत धनराशि का उपयोग लगभग 12,589.68 करोड़ रुपये वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त कर होगा. शेष 30 प्रतिशत धनराशि का 50 प्रतिशत लगभग 2,697.79 करोड़ रुपये राज्य सरकार और शेष धनराशि एनटीपीसी की होगी. ऊर्जा मंत्री ने बताया कि यह राज्य की पहली अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल यूनिट होगी. ऐसे प्लांट अब तक प्रदेश में नहीं बने.
उन्होंने बताया कि इस तरह के प्लांट की टेक्नोलॉजी एडवांस होती है. इनकी एफिशिएंसी काफी ज्यादा होती है और इसमें कोयले की खपत भी काफी कम होती है. इससे बिजली उत्पादन की लागत में कमी आती है. इसकी पहली यूनिट 50 महीने में और दूसरी यूनिट 56 महीने में तैयार होकर बिजली उत्पादन शुरू कर देगी. ओबरा डी परियोजना (Obra D Project) से औसतन 4.89 रुपये प्रति यूनिट बिजली मिल सकेगी, जिसका लाभ उपभोक्ताओं को भी मिलेगा. अभी यूपीपीसीएल की तरफ से औसतन 5.50 रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीदी जा रही है. यह प्लांट एनसीएल कोल माइंस के पास ही स्थापित होगा. जहां से इसे कोयला प्राप्त होगा. इससे कोयले की ढुलाई में कम खर्च आयेगा. इस प्लांट को पानी ओबरा रिजर्वायर से मिलेगा.