लखनऊः नई सरकार के गठन और बजट सत्र के बाद विधायकों को विधायक निधि से डेढ़ करोड़ रुपये की पहली किश्त सोमवार को जारी की गई है. इस निधि से विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में सड़क, पानी और बिजली जैसे मूलभूत संसाधनों का विकास करा सकेंगे. कोविड के प्रभाव के बाद से विधायकों को क्षेत्रीय पीएचसी और सीएचसी में भी निधि से संसाधन विकसित कराने का अधिकार दे दिया गया है. यह जानकारी उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दी है.
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि पिछले महीने उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान विधायकों की मांग के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में विधायक निधि बढ़ाए जाने की घोषणा भी की थी. इसके बाद वित्त विभाग की तरफ से शासनादेश जारी कर दिया गया था. शासनादेश के अनुसार विधायक निधि 3 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ प्रति वर्ष कर दी गई है. नई सरकार गठन के बाद पहली किस्त के रूप में डेढ़ करोड़ रुपये की निधि विधायकों के खाते में भेज दी गई है. विधानसभा क्षेत्रों में विधायक अपनी निधि से क्षेत्र के विकास को लेकर प्रस्ताव भेज कर काम कराना शुरू करेंगे.