लखनऊ:पूरी दुनिया तबाह है. हर तरफ खौफ का आलम है. हर दिल में एक ही डर है, कि कहीं मुझे कोरोना ना हो जाए. दहशत का आलम इस कदर है. कि लोग चंद मिनटों पर हाथ धो रहे हैं. चेहरे को मास्क से ढ़के हुए हैं. क्योंकि इस वायरस की अभी तक कोई दवा नहीं बनी है. केवल सुरक्षा ही बचाव है.
कौन हुआ कोरोना का पहला शिकार आखिर कब थमेगा कोरोना का कहर ?
पूरी दुनिया में इससे होने वाले मौत का आंकड़ा देखने के बाद लोगों का कलेजा कांप जा रहा है. ये आंकड़े बार-बार सोचने पर मजबूर करते हैं, कि आखिर ये मौत का सिलसिला कब थमेगा. कोरोना का कहर कब रुकेगा. लेकिन इन सवालों के जवाब किसी के पास नहीं हैं. हालांकि पूरी दुनियां ने इसे रोकने के लिए अपनी ताकत झोंक दी है. लेकिन इसके बावजूद ये वायरस हर रोज दुनियां में हजारों लोगों की जान ले रहा है.
चीन की 57 साल की महिला बनी पहली शिकार
दरअसल, दुनिया में कोरोना वायरस के पहले मरीज के तौर पर चीन की 57 साल की एक महिला की पहचान हुई. यह चीन के वुहान में झींगा बेचती थी. इसका नाम वेई गुइजियान है. इसे 'पेशेंट जीरो' बताया गया. पेशेंट जीरो उस मरीज को कहते हैं, जिसमें सबसे पहले किसी बीमारी के लक्षण दिखते हैं. यह अलग बात है कि कोरोना की पेशेंट वेई गुइजियान अब पूरी तरह से ठीक हो चुकी है. करीब एक महीने तक चले इलाज के बाद वह पूरी तरह स्वस्थ हैं.
10 दिसंबर को खराब हुई महिला की तबीयत
यह महिला वुहान के सी-फूड मार्केट में 10 दिसंबर को झींगा बेच रही थी. यूके मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, वेई को लगा कि उसे सामान्य फ्लू है. इसके बाद वह इलाज के लिए स्थानीय क्लीनिक में गईं. यहां उन्हें इंजेक्शन दिया गया. हालांकि, उसके बाद भी वह कमजोरी महसूस करती रहीं. 16 दिसंबर को वह बड़े अस्पतालों में से एक वुहान यूनियन हॉस्पिटल गईं. इस अस्पताल में वेई को बताया गया कि उनके जैसे लक्षण वाले कई मरीज अस्पताल में आ रहे हैं. दिसंबर के अंत में वेई को डॉक्टरों ने क्वारंटीन किया और यह भी एलान कर दिया, कि कोरोना वायरस सीफूड मार्केट से उठा है. धीरे-धीरे ये वायरस पूरी दुनिया में फैल गया.
पूरी दुनिया में लाखों लोग हो चुके हैं संक्रमित
पूरी दुनिया में इससे लाखों लोग संक्रमित हो चुके हैं. हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. भारत में भी इससे संक्रमित होने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. हालांकि इस वायरस को मात देने के लिए देश में जहां लॉकडाउन है, वहीं हमारे देश और दुनिया के डॉक्टर इस पर विजय पाने के लिए दिन-रात लगे हुए हैं. उम्मीद है, जल्द ही डॉक्टर इसकी वैक्सीन की खोज कर लेंगे.