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छठ उत्सव में भीड़भाड़ वाले स्थलों पर आतिशबाजी न होने पाए, सीएम योगी ने दिए निर्देश - छठ पूजन के दौरान आतिशबाजी की परंपरा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( CM Yogi Adityanath) ने छठ उत्सव को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं. नदी घाटों पर स्वच्छता और सुरक्षा की दृष्टि से सीएम योगी ने छठ पूजा के दौरान भीड़ भाड़ वाले स्थलों पर आतिशबाजी न करने के निर्देश दिए हैं.

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भीड़भाड़ वाले स्थल पर आतिशबाजी ना हो

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Published : Oct 29, 2022, 12:33 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छठ महापर्व के अवसर पर आमजन की आवश्यकताओं के अनुरूप व्यवस्था के संबंध में शनिवार को आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में दिशा-निर्देश दिए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि छठ महापर्व के दौरान कहीं भी भीड़भाड़ वाले स्थलों पर आतिशबाजी न हो, इसका पूरा ख्याल रखा जाए. इसके अलावा घाटों पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए. सुरक्षित और स्वस्थ छठ पूजा मनाना ही हमारा लक्ष्य होगा.

■ अगामी 30 व 31 अक्टूबर को लोकआस्था का महापर्व 'छठ' मनाया जाना है. पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में इस पर्व की विशिष्ट परंपरा रही है. हमारा प्रयास हो कि हर एक व्रतधारी श्रद्धालु को अधिकाधिक सुविधाएं उपलब्ध हों, ताकि पर्व का आयोजन सुचारु पूर्वक संपन्न हो. इस वर्ष 'स्वच्छ और सुरक्षित छठ' का संदेश लेकर लोगों की जरूरत के अनुसार सभी प्रबंध किए जाएं.

● छठ महापर्व में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की सपरिवार सहभागिता होती है. ऐसे में नदी घाटों पर स्वच्छता, सुरक्षा, पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, पार्किंग, मोबाइल टॉयलेट, पेयजल सहित जनसुविधा के व्यवस्थित प्रबंध किए जाएं. स्थानीय आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए सभी व्यवस्था होनी चाहिए.


■ छठ के अवसर पर अस्ताचलगामी सूर्य और उदित होते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है. नदी घाटों के आस-पास पर्याप्त प्रकाश प्रबंध होना चाहिए. पर्व के अवसर पर निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए. नदी की गहराई के अनुसार सुरक्षित क्षेत्र का चिन्हांकन किया जाए.

■ छठ घाटों के पास स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएं. यहां डेंगू, बुखार व विभिन्न जल जनित बीमारियों की जांच की व्यवस्था होनी चाहिए. व्रतधारी माताएं ठंडे पानी में देर तक खड़ी रहती हैं. ऐसे में किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक चिकित्सा का समुचित प्रबंध किया जाए.

■ जिन नदी, तालाब व अन्य जलाशय पर छठ पूजन की परंपरा है, वहां पानी की पर्याप्त उपलब्धता होनी चाहिए. आपात स्थिति के लिए एसडीआरएफ/एनडीआरएफ की टीमों की तैनाती होनी चाहिए.

● सुरक्षा के दृष्टिगत पूजन स्थल पर पुलिस की उपस्थिति रहे. महिला पुलिस की भी तैनाती की जाए. कुछ पुलिसकर्मियों को सादी वर्दी में भी तैनात किया जाना चाहिए.

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■ हर प्रमुख स्थल, जहां छठ पूजन होता है, वहां पब्लिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था करें. कई बार छोटे बच्चे अपने परिजनों से बिछड़ जाते हैं, ऐसे में एक हेल्पडेस्क की स्थापना भी कराई जाए. इन स्थलों पर ट्रैफिक प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए. पार्किंग की समुचित व्यवस्था हो.

■ छठ पूजन के दौरान आतिशबाजी की परंपरा है. लोगों की आस्था का सम्मान करते हुए उनकी सुरक्षा का ध्यान रखा जाना चाहिए. यह सुनिश्चित करें कि आतिशबाजी भीड़भाड़ से दूर हो, ताकि व्रत-पूजन सुचारू रूप से सम्पन्न हो.

■ हर व्यक्ति छठ पर्व अपने पूरे परिवार के साथ मनाने की इच्छा रखता है. ऐसे में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में लोगों को घर तक पहुंचाने के लिए अतिरिक्त बसें लगाई जाएं. दूसरे प्रदेशों से आ रहे लोगों के साथ प्रशासन व पुलिस के लोग सहयोगपूर्ण व्यवहार करें.

■ प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा सुलभ कराने के लिए सरकार संकल्पित है. विगत कुछ दिनों से डेंगू व अन्य बीमारियों के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है. प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए. अस्पताल में आने वाले हर मरीज को बेड मिले, उसकी विधिवत चिकित्सकीय जांच हो और समय पर इलाज किया जाए. हमारे सभी मेडिकल कॉलेजों सहित जिला अस्पताल, पीएचसी, सीएचसी व अन्य उच्च स्तरीय संस्थान साधन संपन्न हैं. इसका लाभ लोगों को मिलना चाहिए. मरीजों के साथ दुर्व्यवहार की सूचना कतई स्वीकार नहीं की जाएगी.

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