लखनऊ: निजी स्कूल की शुरुआत करने के लिए शिक्षा विभाग से मान्यता लेनी होती है. विद्यालय की बिल्डिंग से लेकर कई मानकों को पूरा करने के बाद ही मान्यता देने का प्रावधान है. इसके लिए स्कूल प्रबंधन को अग्निशमन विभाग के साथ-साथ अन्य विभागों से भी एनओसी लेनी पड़ती है, लेकिन, ETV भारत ने राजधानी के प्राइवेट स्कूलों में अग्नि सुरक्षा की व्यवस्थाओं को परखा तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई. शहर के चुनिंदा स्कूलों में ही अग्नि से सुरक्षा के इंतजाम मानकों के अनरूप मिले. मझोले और छोटे स्कूलों में अग्नि सुरक्षा के नाम पर खानापूर्ति ही की गई थी.
राजधानी में बिल्डिंग देखकर तय होते हैं अग्नि सुरक्षा के मानक - सीएफओ विजय सिंह
राजधानी लखनऊ में यूपी बोर्ड के 630, सीबीएसई के 207 और आईसीएसई के 84 निजी स्कूल हैं. यूपी बोर्ड के 51 और ऐडेड 100 सरकारी स्कूल हैं. इन सभी में स्कूल के मुताबिक अग्नि सुरक्षा के मानक तय किए जाते हैं. ईटीवी भारत ने तमाम स्कूलों में अग्नि सुरक्षा की व्यवस्थाओं को परखा.
![राजधानी में बिल्डिंग देखकर तय होते हैं अग्नि सुरक्षा के मानक राजधानी के स्कूलों में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति खराब](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-10631493-609-10631493-1613372464809.jpg)
लखनऊ में ये है स्कूलों की संख्या
राजधानी लखनऊ में यूपी बोर्ड के 630, सीबीएसई के 207 और आईसीएसई के 84 निजी स्कूल हैं. यूपी बोर्ड के 51 और ऐडेड 100 सरकारी स्कूल हैं.
इन इलाकों में हैं छोटे प्राइवेट स्कूल
राजधानी के राजाजीपुरम, आलमबाग, पारा, सहादतगंज, चौपटिया, चौक, ऐशबाग, इंदिरा नगर, गोमती नगर, विकास नगर, आशियाना, ठाकुरगंज, मलिहाबाद, मोहनलालगंज, चिनहट, नादरगंज, बीकेटी, कैसरबाग, अमीनाबाद, डालीगंज, लाटूश रोड, चारबाग, रकाबगंज, शास्त्री नगर समेत तमाम इलाकों में मंझोले से लेकर छोटे स्कूल हैं. अधिकतर इन स्कूलों में अग्नि सुरक्षा मानकों के पालन को लेकर केवल खानापूर्ति की जा रही है.
शहर में 3 लाख से अधिक बच्चे पढ़ते हैं प्राइवेट स्कूलों में
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से संचालित प्रदेश के 1.5 लाख से अधिक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में एक करोड़ 83 लाख से अधिक बच्चे पढ़ते हैं. लखनऊ के प्राइवेट स्कूलों में तीन लाख से अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं. 2010 से 2016 के बीच प्राइवेट स्कूलों में बच्चों की संख्या 36.5 फीसदी बढ़ी थी. सरकारी स्कूलों में यह संख्या 18.6 फीसद थी.
हमारे स्कूल में व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त : अनिल अग्रवाल
अन एडेड स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल बताते हैं कि उनके विद्यालय में अग्नि से सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं. अग्निशमन के सभी उपकरण इंस्टॉल हैं. कोरोना के चलते अभी हमने ग्राउंड में होने वाली एक्टिविटी को रोका हुआ है. क्लास रूम के बाहर से लेकर प्रयोगशाला तक सभी जगह अग्नि से सुरक्षा के लिए मानकों के अनुसार उपकरण लगाए गए हैं.
अग्नि सुरक्षा के सारे इंतजाम: जगदीश गांधी
सिटी मोंटेसरी स्कूल के संस्थापक जगदीश गांधी बताते हैं कि उनके स्कूल में अग्नि सुरक्षा के लिए सारे इंतजाम किए गए हैं. आवश्यकता के अनुसार विद्यालय की बिल्डिंग में अग्नि से सुरक्षा के लिए सारे उपकरण लगाए गए हैं. फायर अलार्म से लेकर जितने भी उपकरण लगाने चाहिए सभी को नियमानुसार लगाया गया है. राजेंद्र नगर, राजाजीपुरम, स्टेशन रोड, गोमती नगर, आशियाना समेत कई जगह सीएमएस की ब्रांच है. इन सभी में अग्नि से सुरक्षा के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं.
क्षेत्र देखकर तय होता है मानक: सीएफओ
सीएफओ विजय सिंह बताते हैं कि मानक स्कूल एनबीसी पार्ट 4 के अंतर्गत एजुकेशनल बिल्डिंग में आता है. किसी भी स्कूल का मानक उसका क्षेत्र, उसकी उंचाई और फ्लोर देखकर निर्धारित करते हैं. बड़े स्कूलों के मानक अलग होते हैं. मानक पूरा न करने वाले स्कूलों को पहले नोटिस दिया जाता है. नोटिस देने के बाद भी अगर मानक नहीं पूरे किए जाते हैं तो उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाती है.
20 स्कूलों को जारी किया गया है नोटिस
एडीसीपी ट्रैफिक पुलिस सुरेश चंद रावत के मुताबिक ट्रैफिक पुलिस स्कूलों को नोटिस नहीं जारी करता. विकास प्राधिकरण की अनुमति मिलने पर नई बिल्डिंग के लिए ट्रैफिक पुलिस की भी एनओसी लेनी पड़ती है. करीब 20 स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है. उसमें कहा है कि स्कूल के खुलते और बंद होते समय अपने वॉलिंटियर्स लगाएं, जिससे लोग सुरक्षित रहें.