लखनऊ/बाराबंकी :उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की वातानुकूलित बसें आग (fire in ac janarath bus) के हवाले हो रही हैं. बसों में लगने वाली आग परिवहन निगम की कार्यशालाओं में होने वाली रिपेयरिंग पर सवाल खड़े कर रही हैं. सोमवार को कैसरबाग बस स्टेशन से निकली कैसरबाग डिपो की वातानुकूलित जनरथ बस बीबीडी पहुंचते ही आग की भेंट चढ़ गई.
कैसरबाग डिपो की बस 32 एमएन 9181 सोमवार सुबह तकरीबन 10:30 बजे कैसरबाग बस स्टेशन (kaiserbagh depot in Lucknow) से 36 सवारियों को लेकर बहराइच के लिए रवाना हुई थी. सफेदाबाद के करीब गोल्डन ब्लॉजम के पास बस पहुंची थी कि अचानक इंजन से धुंआ उठने लगा. जिसके बाद बस परिचालक ऋषि बाजपेई ने मुक्तेश कुमार से बस रोकने को कहा, किसी तरह मुसाफिरों को बस से उतारा गया. देखते देखते बस की आग बढ़ गई. सूचना पर पहुंची दमकल गाड़ियों ने आग को काबू में किया, हालांकि तब तक बस जलकर पूरी तरह खाक हो गई. बीच सड़क पर धू धू कर जल रही बस से आसपास हड़कंप मच गया और घंटों यातायात बाधित रहा. बताया जा रहा है कि शाॅर्ट सर्किट के चलते आग लगी थी.
कैसरबाग डिपो की एसी जनरथ बस में लगी आग कैसरबाग डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक आरके वर्मा (RK Verma, Assistant Regional Manager) ने जांच टीम गठित की है, जो बस में आग लगने की घटना के कारणों की जांच करके रिपोर्ट सौंपेगी. सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि सवारियां पूरी तरह सुरक्षित हैं. आग कैसे लगी, अभी इसके बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है. पूरे मामले की जांच की जा रही है.
वातानुकूलित जनरथ बसों में ड्राइवर और कंडक्टर अक्सर वायरिंग से छेड़छाड़ करते हैं और यह बसें काफी सेंसिटिव होती हैं. लिहाजा, वायरिंग में जरा सी भी कोई दिक्कत आती है तो आग पकड़ लेती हैं. अभी तक जितनी भी एसी बसों में आग लगने की घटनाएं हुई हैं उनमें से ज्यादातर मामलों में यही बात सामने आई. लखनऊ परिक्षेत्र के तत्कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक स्वर्गीय पल्लव कुमार बोस ने जनरथ बसों में वायरिंग से छेड़छाड़ करने पर पूरी तरह से रोक लगाई थी. उन्होंने यह भी निर्देश दिए थे कि अगर वातानुकूलित बसों में आग लगती है और इसमें वायरिंग से छेड़छाड़ की बात सामने आती है तो चालक परिचालक पर कार्रवाई की जाएगी.
यह भी पढ़ें : बनारस से लखनऊ आ रहे डिप्टी सीएम के काफिले से टकराई नील गाय, बाल बाल बचे सभी सवार