लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बुधवार को फायर एंड इमरजेंसी सर्विस अध्यादेश 2022 (Fire and Emergency Service Ordinance 2022) को मंजूरी मिलते ही फायर विभाग एक्टिव मोड में आ गया है. राजधानी में मानकों की अनदेखी करने वाली पांच इमारतों पर फायर विभाग सीलिंग की कार्रवाई करने जा रहा है, इसमें तीन बिल्डिंग 15 मीटर की ऊंचाई से कम हैं तो दो हाई राइज बिल्डिंग हैं.
यूपी में शक्तियां मिलते ही अग्निशमन विभाग एक्टिव, लखनऊ में सील होंगी पांच इमारतें
उत्तर प्रदेश में बुधवार को फायर एंड इमरजेंसी सर्विस अध्यादेश 2022 (Fire and Emergency Service Ordinance 2022) को मंजूरी मिलते ही फायर विभाग एक्टिव मोड में आ गया है. राजधानी में मानकों की अनदेखी करने वाली पांच इमारतों पर फायर विभाग सीलिंग की कार्रवाई करने जा रहा है.
मुख्य अग्निशमन अधिकारी, लखनऊ मंगेश कुमार ने बताया कि लखनऊ में तकरीबन 300 बिल्डिंग के मालिकों को फ़ायर सेफ्टी की अनदेखी करने पर नोटिस दी गई थी, इसमें पांच ऐसी इमारतें हैं जहां बार-बार नोटिस देने के बाद भी फायर सेफ्टी का ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में इन पांचों बिल्डिंग के खिलाफ विभाग कार्रवाई करने जा रहा है.
मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि तीन ऐसी बिल्डिंग हैं जो 15 मीटर की ऊंचाई से कम हैं. उनके खिलाफ 133 CRPC के तहत कार्रवाई की जा रही है, वहीं 15 मीटर से ऊंची दो बिल्डिंग के खिलाफ उत्तर प्रदेश अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा अधिनियम, 2005 के तहत कार्रवाई करते हुए सील करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं.
राजधानी में होटल लेवाना अग्निकांड के बाद से ही फायर डिपार्टमेंट पर लापरवाही बरतने के आरोप लगने लगे थे, हालांकि शक्तियों की कमी के चलते फायर विभाग अनदेखी करने वाले बिल्डिंग मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं कर पा रहा था. बुधवार को योगी कैबिनेट में उत्तर प्रदेश फायर एंड इमरजेंसी सर्विस अध्यादेश 2022 को मंजूरी मिलने के बाद अब फ़ायर सर्विस को अतिरिक्त शक्तियां मिल गई हैं. इसमें केंद्र सरकार के मॉडल बिल को भी समाहित करने के बाद फायर सर्विस को भी बिल्डिंग के खिलाफ 133 crpc व उत्तर प्रदेश अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा अधिनियम, 2005 के तहत कार्रवाई करने की शक्ति मिल गई है.
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