लखनऊ :लखनऊ विकास प्राधिकरण की ट्रांसपोर्टनगर योजना में जालसाजों ने नौ भूखंडों की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करा डाली. प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने शिकायत के आधार पर प्रकरण की जांच कराई तो पूरा फर्जीवाड़ा उजागर हो गया. जांच में यह भी पता चला कि तीन भूखंडों की रजिस्ट्री में प्राधिकरण के दो कर्मचारियों (अब सेवानिवृत्त) की लाॅगिन आईडी का भी इस्तेमाल किया गया था. अब इस मामले में उपाध्यक्ष ने इन भूखंडों के क्रेता, विक्रेता, गवाहों व प्राधिकरण के दोनों कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं.
सचिव पवन कुमार गंगवार ने प्रेस नोट के जरिये बताया कि बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर योजना के 13 भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री का पता चला था. जिनमें से चार भूखंडों की पूर्व में एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है. शेष नौ भूखंडों के सम्बंध में गुरुवार को उपाध्यक्ष द्वारा एफआईआर दर्ज कराने के आदेश जारी किए गए हैं. इनमें से तीन प्रकरणों में प्राधिकरण के सेवानिवृत्त कर्मचारियों श्रीकृष्ण और राम सिंह की आईडी का इस्तेमाल हुआ है. इनके खिलाफ भी एफआईआर के आदेश हुए हैं.
अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा के अनुसार भूखंड संख्या एफ-505 की फर्जी रजिस्ट्री के सम्बंध में विक्रेता ग्राम-हरौनी, लखनऊ निवासी विनोद कुमार सिंह, क्रेता कृष्णानगर निवासी भूपेन्द्र सिंह, प्रथम गवाह नादरगंज निवासी मो० अहमद, द्वितीय गवाह रजनीखंड निवासी कपिल सिंह हैं. भूखंड संख्या एफ-342 में विक्रेता गोसाईंगंज निवासी विनोद कुमार सिंह, क्रेता उन्नाव निवासी अमित कुमार यादव, प्रथम गवाह बाराबंकी निवासी रामेन्द्र कुमार सिंह, द्वितीय गवाह कृष्णानगर निवासी रघुराज यादव हैं. भूखंड संख्या एफ-177 में सेवानिवृत्त कर्मचारी श्रीकृष्ण एवं विक्रेता आलमबाग निवासी अनिल कुमार सिंह एवं क्रेता मवैया निवासी अमन कुमार सिंह, प्रथम गवाह ओम नगर निवासी अभय कुमार सिंह, द्वितीय गवाह कल्याणपुर निवासी आदर्श यादव हैं.