उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

एलडीए की जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री कराने पर मुकदमा, 15 करोड़ से अधिक कीमती है जमीन

एलडीए की जमीन पर फर्जी दस्तावेजों से रजिस्ट्री कराने के मामले में पुलिस ने दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. अलीगंज में फर्जी दस्तावेज तैयार कर 35 हजार वर्ग फुट ग्रीन बेल्ट जमीन का खेल किया गया. इस भूखंड की कीमत 15 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है.

एलडीए की जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री कराने पर मुकदमा
एलडीए की जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री कराने पर मुकदमा

By

Published : Jun 30, 2021, 9:25 AM IST

लखनऊ: एलडीए की अलीगंज योजना व प्रियदर्शनी योजना में फर्जीवाड़े के उजागर होने के बाद दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. अलीगंज में फर्जी दस्तावेज तैयार कर 35 हजार वर्ग फुट ग्रीन बेल्ट जमीन का खेल किया गया. कूट रचित दस्तावेज के आधार पर जमीन का आंवटन बताने वाले बद्रीनाथ रस्तोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.

15 करोड़ रुपए कीमती जमीन पर कब्जा
एलडीए की अलीगंज योजना के सेक्टर जी में 35 हजार वर्ग फुट का नर्सरी भूखंड है. बेशकीमती इस भूखंड की कीमत 15 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है. इस जमीन पर बीएन अग्निहोत्री का कब्जा है. वह इस जमीन को अपनी बता रहे हैं. उन्होंने प्राधिकरण में जमीन से जुड़े जो दस्तावेज जमा किए हैं, वह जांच में सही नहीं मिले हैं. 6 सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि सभी दस्तावेज फर्जी हैं. यह जमीन प्राधिकरण की है. इसका मूल आवंटन पत्र बीएन अग्निहोत्री के पास नहीं है. उन्होंने पैसा जमा करने की जो रसीदें दिखाई है, उसका कोई रिकॉर्ड एलडीए में नहीं है.

फर्जीवाड़ा करके किया गया कब्जा
जानकारी के अनुसार रसीदों की मूल प्रति भी उनके पास नहीं है. कूट रचित कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए और एलडीए की 35000 वर्ग फुट जमीन पर कब्जा किया गया है. इस जमीन पर काफी बड़ी नर्सरी चलाई जा रही है. एक हिस्से में निर्माण भी हुआ है. ग्रीन लैंड पर कब्जे की जानकारी होने पर एलडीए ने बीएन अग्निहोत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है. इसी तरह प्रियदर्शिनी योजना में भूखंड संख्या 1/ 261 की फर्जी रजिस्ट्री हुई है. इस भूखंड की रजिस्ट्री विजय कुमार के नाम से हुई है. रजिस्ट्री के बाद विजय कुमार ने इसे अशफाक अली को बेच दिया. प्लाट की कीमत जमा करने के लिए कुल छह रसीदें फाइल में लगाई गई थी. सभी रसीदें कारपोरेशन बैंक की थीं. जानकारी मिलने के बाद एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार ने कारपोरेशन बैंक में जमा रसीदों की जांच कराई.

इसे भी पढ़ें-ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए सेतु निगम ने पीडब्ल्यूडी को दी सर्वे रिपोर्ट, जल्द काम शुरू कराने की तैयारी

एलडीए के रिकार्ड से नहीं हुआ मिलान
एलडीए के रिकॉर्ड से भी मिलान कराने पर सभी रसीदें फर्जी मिलीं हैं. इन रसीदों पर एक रुपए भी नहीं जमा हुआ था. यहां अशफाक अली मकान का निर्माण करा रहा है. इसकी जानकारी होने पर पुष्पेंद्र नामक एक व्यक्ति ने भूखंड को खुद का बताते हुए शिकायत करने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. जांच में सामने आया है कि इस प्लॉट की रजिस्ट्री पहले ही मूल आवंटी उर्मिला के नाम हो चुकी थी. उर्मिला ने पुष्पेंद्र को प्लॉट बेच दिया था, लेकिन बीच में फर्जी रसीदें लगाकर एलडीए के बाबू ने इसकी रजिस्ट्री विजय कुमार के नाम कर दी और विजय कुमार ने अशफाक अली को बेच दिया. एलडीए की ओर से संबंधित थाने में फर्जीवाड़ा करने वाले विजय कुमार व अशफाक अली के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details