लखनऊ: सिंचाई विभाग की करोड़ों रुपये की भूमि पर कब्जा कराने में भूमाफियाओं की मदद करने वाले आधा दर्जन कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. बताया जाता है कि सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के निर्देश पर लखनऊ स्थित कल्ली पश्चिम में सिंचाई विभाग की भूमि पर भूमाफियाओं द्वारा विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध कब्जा कराया गया है. इन अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार कार्मिकों और ओमेक्स प्राइवेट लिमिटेड के विरुद्ध पीजीआई थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है.
लखनऊ: सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा मामले में 6 कर्मियों के विरुद्ध FIR दर्ज
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में सिंचाई विभाग की करोड़ों रुपये की भूमि पर अवैध कब्जा करने वाले 6 कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. यह एफआईआर पीजीआई थाने में दर्ज कराई गई है.
जिलेदार अनिल कुमार शुक्ला ने शुक्रवार को पीजीआई थाने में विद्यासागर सिंह तत्कालीन अधीक्षण अभियंता षष्ठम मंडल सिंचाई कार्य लखनऊ, योगेश रावल, तत्कालीन अधिशासी अभियंता, लखनऊ खंड-दो शारदा नहर लखनऊ, एसएन मौर्य, सहायक अभियंता तृतीय लखनऊ खंड-दो शारदा नहर लखनऊ, कृष्ण गोपाल उप राजस्व अधिकारी लखनऊ, खंड-दो शारदा नहर लखनऊ, देवी प्रसाद सिंह तत्कालीन जिलेदार लखनऊ खंड-दो शारदा नहर लखनऊ, केशव मणि त्रिपाठी सींचपाल लखनऊ खंड-दो शारदा नहर लखनऊ और निदेशक ओमेक्स लिमिटेड, साइबर टावर द्वितीय तल टीसी 34/वी 2 विभूति खंड गोमती नगर लखनऊ के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई के लिए कहा गया है.
इन कर्मियों पर आरोप है कि इन्होंने अनियमितता करते हुए सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की करोड़ों रुपये की नहर की जमीन की क्षति पहुंचाई है. यह नहर आजादी से पहले बनाई गई थी. अब इसका अस्तित्व समाप्त हो गया है. इस कारण किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराए जाने में असुविधा हुई है. इस प्रकार इन कर्मिकों द्वारा पत्रावलियों एवं अभिलेखों में कूट रचित, हेराफेरी व धोखाधड़ी किया गया है. ओमेक्स लिमिटेड के निदेशक की मिलीभगत से सुनियोजित तरीके से आपराधिक षड्यंत्र कर अनियमित एवं कूट रचना करते हुए क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर संस्तुति की गई.
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सिंचाई विभाग ने इसकी गंभीरता को देखते हुए उप राजस्व अधिकारी कृष्ण गोपाल, तत्कालीन जिलेदार देवी प्रसाद सिंह, सींचपाल केशव मणि त्रिपाठी और सहायक अभियंता एसएन मौर्य को निलंबित कर दिया गया है. वहीं तत्कालीन अधीक्षण अभियंता विद्यासागर सिंह के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है. इसी प्रकार अधिशासी अभियंता योगेश रावल, सहायक अभियंता एसएन मौर्य के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई किए जाने के आदेश दिए गए हैं.