लखनऊ: उत्तर प्रदेश वाणिज्य कर अधिकारी सेवा संघ के द्विवार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते हुए वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि कोरोना काल के बावजूद अधिकारियों की मेहनत का परिणाम रहा कि जीएसटी संग्रह रिकार्ड स्तर पर पहुंचा. अधिकारी बिना भेदभाव अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते रहे. मंत्री खन्ना ने कहा कि राज्य के अधिकारियों ने लाकडाउन के समय घरों में लोग सुरक्षित रहें, इस उद्देश्य को लेकर दैनिक उपयोग की वस्तुओं की सप्लाई चेन को बनाए रखने में जो योगदान दिया, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने खचाखच भरे प्रेक्षागृह में घोषणा की कि 10 जुलाई तक सभी पदोन्नति कर दी जाएंगी.
उन्होंने अधिकारियों को यह हिदायत भी दी कि इस सरकार में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. खन्ना ने यह भरोसा दिलाया कि अधिकारी सेवा संघ की सात सूत्रीय मांगों पर जल्द फैसला लिया जाएगा. गोमतीनगर के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के सभागार में आयोजित अधिवेशन में प्रदेश भर वाणिज्य कर अधिकारियों ने हिस्सा लिया. यह पहला मौका था कि जब किसी संगठन के अधिवेशन में अन्य राज्यों के अधिकारियों ने भी शिरकत की और अपने अनुभवों को भी साक्षा किया.
अधिवेशन में अपर मुख्य सचिव राज्य कर मित्तल ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए का कि ये हैरत की बात है कि कोरोना के बावजूद राज्य के राजस्व में निरंतर वृद्धि हुई है. आज राजस्व एक लाख करोड़ तक पहुंचने वाला है. मित्तल ने बताया कि प्रदेश के कुल राजस्व में 60 प्रतिशत भागीदारी राज्य कर की है, शेष में अन्य विभागों की देयता है. उन्होंने कहा कि अन्य विभागों मे राजस्व वृद्धि की उतनी संंभावना नहीं है, जितनी राज्य जीएसटी में है. संघ के मांग पत्र पर संजीव मित्तल ने कहा कि यह मांग पत्र अगर एक दिन पहले मिल जाता तो इस पर विस्तार से कुछ कहता, लेकिन मैं यह भरोसा दिलाता हूं कि मेरे स्तर से कोई भी फाइल लंबित नहीं रहेगी. उन्होंने बताया कि डीपीसी व एसीपी के सभी मामलों का निस्तारण हो गया है.