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ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के पांचवें दीक्षांत समारोह पर छात्रों का सम्मान - लखनऊ में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय

लखनऊ में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने ख्वाजा के छात्रों को डिग्री और 75 छात्रों को 85 मेडल दिए.

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छात्रों का सम्मान

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Published : Mar 1, 2021, 4:58 PM IST

Updated : Mar 2, 2021, 1:15 AM IST

लखनऊःख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय का सोमवार को दीक्षांत समारोह हुआ. विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह की शुरुआत कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक, कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, मुख्य अतिथि के रूप में पधारे साहित्यकार और कवि अशोक चक्रधर ने दीप प्रज्वलित कर किया. जिसमें कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने ख्वाजा के छात्रों को डिग्री और 75 छात्रों को 85 मेडल दिए. मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में साहित्यकार और कवि अशोक चक्रधर को डिलीट की मानव उपाधि देकर सम्मानित किया.

विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह

सफल शिक्षक बनने का है लक्ष्यः मरियम
ईटीवी से बातचीत के दौरान 4 गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाली मरियम हाफिज ने बताया कि वो लखनऊ में मम्मी के साथ किराए के मकान में रहकर बीए ऑनर्स की पढ़ाई कर रही थी. जिसमें मुझे 89.92 फीसद अंक मिले हैं. इस दौरान उन्हें 4 गोल्ड मेडल के लिए चयन हुआ था. इसमें चांसलर गोल्ड मेडल और ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती गोल्ड मेडल फैकल्टी मेडल, डिपार्टमेंट ऑफ अरेबिक का गोल्ड मेडल भी शामिल है. उन्होंने बताया कि उनका आगे का लक्ष्य एक सफल शिक्षक बनने का है. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपना अनुभव दे सकूं.

शिक्षकों को सफलता का श्रेय
मेडल पाने वाले राशिद खुर्शीद ने बताया कि उन्हें वाइस चांसलर गोल्ड मेडल और डिपार्टमेंट ऑफ अरेबिक का सिल्वर मेडल से नवाजा गया है. उन्होंने बताया कि उन्होंने हॉस्टल में रहकर भी अरेबिक की पढ़ाई पूरी की है. जिसमें सर्वाधिक अंक के लिए उन्हें कुलपति गोल्ड मेडल के लिए चुना गया है. राशिद ने बताया कि तैयारी करने का कोई खास पैटर्न नहीं था. इसके चलते वो बराबर रेगुलर विश्वविद्यालय आकर क्लास बैंक करता था और जो शिक्षक पढ़ाते थे उसको रिवीजन करता था. राशिद ने इसका श्रेय अपने शिक्षकों को दिया है. उन्होंने बताया कि उनका आगे का लक्ष्य एक सफल शिक्षक बनने का है. आगे जेएनयू से एमए अरेबिक से करना है. पापा खुर्शीद अहमद मदरसे में शिक्षक हैं और मम्मी आसमा खातून ग्रहणी है.

भाषा को प्रौद्योगिकी से जोड़ने का किया जाए प्रयास
वह सोमवार को ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के पंचम दीक्षान्त समारोह में बोल रहीं थीं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में भाषाओं के पाठ्यक्रम को रोजगारपरक बनाने के लिए भी कार्य प्रारंभ हुआ है. इसके लिए विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर मॉर्डन यूरोपियन एंड एशियन लैंग्वेज की स्थापना की गई है. साथ ही साथ जर्मन, फ्रेंच, जापानी और कोरियन भाषाओं के पाठ्यक्रम शुरू करने की पहल की गई है. राज्यपाल ने कहा कि भाषा को प्रौद्योगिकी से जोड़ने के प्रयास करें ताकि विश्वविद्यालय विश्व प्रसिद्ध बन सकें. ऐसा सभी को संकल्प लेना चाहिए.

शोध की जरुरत
उप मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि विलुप्त हो रही भाषाओं पर गंभीरता पूर्वक शोध किया जाना नितांत आवश्यक है. राज्यपाल ने मुख्य अतिथि पद्मश्री डाॅ. अशोक चक्रधर को मानद उपाधि से सम्मानित किया तथा उन्होंने स्कूली बच्चों को बैग, पुस्तकें आदि प्रदान किये. इस अवसर पर विश्वविद्यालय की स्मारिका का भी विमोचन किया गया.

Last Updated : Mar 2, 2021, 1:15 AM IST

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