लखनऊःनगर निगम द्वारा अमीनाबाद में पटरी दुकानदारों को दुकानें लगाने के लाइसेंस आवंटित किए जा रहे हैं. पटरी दुकानदारों को नगर निगम प्रशासन द्वारा जो टोकन वितरित किए गए हैं, उस पर चल नीति के तहत मोहर लगाई गई है. इस लाइसेंस को लेकर अमीनाबाद की सड़कों पर दुकानें लगाने वाली महिलाएं खासा आक्रोशित हैं. उन्होंने नगर निगम प्रशासन और स्थायी दुकानदारों पर मिलीभगत का आरोप लगाया है. नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने कहा कि कमियों को ठीक किया जाएगा.
लखनऊः महिला दुकानदारों ने लगाया नगर निगम प्रशासन पर गंभीर आरोप - महिला दुकानदारों ने लगाया नगर निगम प्रशासन पर गंभीर आरोप
लखनऊ नगर निगम द्वारा अमीनाबाद में पटरी दुकानदारों को दुकानें लगाने के लाइसेंस आवंटित किए जा रहे हैं. पटरी दुकानदारों को नगर निगम प्रशासन द्वारा जो टोकन वितरित किए गए हैं, उस पर चल नीति के तहत मोहर लगाई गई है. इस लाइसेंस को लेकर अमीनाबाद की सड़कों पर दुकानें लगाने वाली महिलाएं खासा आक्रोशित हैं. उन्होंने नगर निगम प्रशासन और स्थाई दुकानदारों पर मिलीभगत का आरोप लगाया है.
![लखनऊः महिला दुकानदारों ने लगाया नगर निगम प्रशासन पर गंभीर आरोप महिला दुकानदारों ने लगाया नगर निगम प्रशासन पर लगाया आरोप](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-09:32:04:1600963324-up-luc-02-outrage-among-women-track-shoppers-pkg-up10003-24092020185740-2409f-02652-369.jpg)
अमीनाबाद के पटरी दुकानदार शुक्रवार के दिन से अमीनाबाद में दुकानें लगा सकेंगे. इसके लिए नगर निगम प्रशासन की तरफ से उनको टोकन वितरित किए गए हैं. हालांकि नगर निगम प्रशासन द्वारा अमीनाबाद में पटरी दुकानदारों को दुकानें लगाने के लिए टोकन दिया गया है, लेकिन उन टुकड़ों पर चल नीति के तहत मोहर लगाई गई है. जिसको लेकर अमीनाबाद पटरी दुकानदार वेलफेयर एसोसिएशन में नाराजगी और गुस्सा है. वहीं नगर निगम की इस कार्रवाई को लेकर महिलाओं में खासा आक्रोश दिखाई दे रहा है. महिला दुकानदारों का कहना है कि फेरी नीति के तहत टोकन दिए गए हैं, जिसका उन्होंने जबरदस्त विरोध भी किया है.
महिला दुकानदारों का कहना है कि नगर निगम प्रशासन की तरफ से उनको फेरी नीति के तहत लाइसेंस जारी किए गए हैं. इसको लेकर महिलाओं में गुस्सा और आक्रोश है. इसके लिए उन्होंने नगर निगम प्रशासन को दोषी माना है. उनका कहना है कि प्रशासन और अमीनाबाद के स्थायी दुकानदारों में मिली भगत है. इसी मिलीभगत के चलते ऐसा किया जा रहा है.