लखनऊ : विज्ञान के क्षेत्र में कई ऐसे फैलोशिप होते हैं. जिसके द्वारा स्टूडेंट लाभान्वित होते हैं और देश-विदेश पढ़ाई के लिए आगे जाते हैं. इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला के वरिष्ठ वैज्ञानिक सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि सीएसटी यूपी समर रिसर्च फेलोशिप के जरिए बहुत सारी स्टूडेंट विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ते हैं और इस फेलोशिप से लाभान्वित होते हैं. हर साल फेलोशिप के लिए स्टूडेंट्स आवेदन करते हैं, लेकिन बहुत अधिक स्टूडेंट्स आवेदन नहीं करते थे, लेकिन इस बार बड़ी संख्या में आवेदन भी हुए हैं. जाहिर तौर पर इस फेलोशिप को लेकर अधिक से अधिक स्टूडेंट जागरूक हुए हैं. पिछले साल 60 स्टूडेंट्स ही चयनित हुए थे, इस बार 150 स्टूडेंट्स चयनित हुए हैं.
इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला के ज्वाइंट डायरेक्टर रिसर्च डॉ. राजेश कुमार गंगवार ने बताया कि उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभिन्न क्षेत्रों में शोध परियोजनाओं का वित्तपोषण, नक्षत्रशालाओं का संचालन, नवप्रवर्तन प्रोत्साहन, विज्ञान लोकप्रियकरण, सीएसटीयूपी-समर रिसर्च फैलोशिप प्रोग्राम, सीएसटीयूपी इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट ग्राण्ट स्कीम इत्यादि परियोजनाएं संचालित होती है. उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023 - 24 में 114 नए शोध प्रस्तावों को स्वीकृति एवं 60 विद्यार्थियों को समर रिसर्च फैलोशिप का मौका दिया किया गया. प्रदेश के विकास में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और नवीनतम क्षेत्रों में रिसर्च की महत्वत्ता को देखते हुए के उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव नरेन्द्र भूषण ने आगामी वित्तीय वर्ष में 150 विद्यार्थियों को समर रिसर्च फैलोशिप प्रदान किए जाने और अधिक से अधिक शोध प्रस्ताव स्वीकृत किये जाने पर बल दिया गया है.