लखनऊ : यूपी के सभी सरकारी और निजी आयुष कॉलेजों की फीस निर्धारित कर दी गई है. पहले की तरह अब कोई भी निजी कॉलेज मनमाने तरीके से फीस नहीं वसूल पाएगा. इसके अलावा कॉलेज संचालकों को अपनी वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर फीस सार्वजनिक करने के भी निर्देश दिए गए हैं. चिकित्सा शिक्षा में बड़ा बदलाव आएगा, साथ ही ट्रांसपेरेंसी के साथ सभी काम होंगे.
प्रदेश के सरकारी एवं निजी आयुष कॉलेजों में बीएएमएस (आयुर्वेद), बीएचएमएस (होम्योपैथी), बीयूएमएस (यूनानी) के दाखिले की काउंसिलिंग शुरू हो गई है. कॉलेज संचालकों द्वारा मनमाने तरीके से फीस वसूली की शिकायतें मिलती रही हैं. ऐसे में शासन की ओर से कॉलेजों की फीस तय करने के साथ ही उसे सार्वजनिक करने का निर्देश दिया गया है. बीएएमएस, बीएचएमएस और बीयूएमएस के सरकारी कॉलेजों की फीस 19 हजार तय की गई है. आरक्षित श्रेणी के छात्रों को 14 हजार देने होंगे, जबकि निजी कॉलेजों की फीस करीब डेढ़ से तीन लाख के बीच है.
सरकारी और निजी आयुष कॉलेजों की फीस तय करते हुए यह सख्त निर्देश दिया गया हैं कि किसी भी संस्थान के खिलाफ अतिरिक्त वसूली की शिकायत मिली तो सख्त कार्रवाई होगी. प्रदेश में सर्वाधिक फीस तीन लाख बीएएमएस के लिए शम्म ए गौसिया माइनॉरिटी पीजी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, गाजीपुर की है.
बीएएमएस में आठ सरकारी कॉलेजों में 502 सीटें और फीस 19 हजार प्रति वर्ष आरक्षित श्रेणी के लिए 14 हजार देना होगा. निजी 61 कॉलेजों में 4720 सीटें हैं. यहां फीस दो लाख चार हजार छह सौ से लेकर तीन लाख तक है. यह फीस कॉलेजों में संसाधनों के अनुसार कम या अधिक की गई है. ज्यादातर कॉलेज ढाई लाख के करीब हैं. बीएचएमएस में सरकारी नौ कॉलेजों में 829 सीटें हैं. फीस सरकारी संस्थानों के अनुसार निजी दो कॉलेजों में 200 सीटें है. बैक्सन होम्योपैथिक कॉलेज, नोएडा की ढाई लाख और नेमिनाथ होम्योपैथिक कॉलेज, आगरा की डेढ़ लाख प्रतिवर्ष फीस है, वहीं बीयूएमएस में सरकारी दो कॉलेजों में 128 सीटें हैं. 10 निजी कॉलेजों में 560 सीटें हैं. फीस एक लाख 98 हजार से दो लाख 64 हजार तक तय की गई हैं.
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