लखनऊ :सेल्फ फाइनेंस डिग्री काॅलेज एसोसिएशन ने लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखकर शासन स्तर तय फीस लेने की मांग की है. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर शासन की ओर से तय फीस न लेने पर आदेश की अवहेलना का आरोप लगाया है. इस एसोसिएशन में विश्वविद्यालय से जुड़े चार जिलों रायबरेली, हरदोई, सीतापुर और लखीमपुर के काॅलेज शामिल है. सूत्रों के अनुसार यदि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर शुल्क कम करने के सम्बन्ध में कोई निर्णय नहीं लिया गया तो एसोसिएशन न्यायालय का रुख करेगी.
Fee in Degree Colleges : डिग्री कॉलेजों में शासन से तय शुल्क लिया जाए, सेल्फ फाइनेंस डिग्री काॅलेज एसोसिएशन ने दी यह चेतावनी - Fee in Degree Colleges
सेल्फ फाइनेंस डिग्री काॅलेज एसोसिएशन ने लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन पर शासन की ओर से तय फीस (Fee in Degree Colleges) न लेने पर आदेश की अवहेलना का आरोप लगाया है. लखनऊ विश्वविद्यालय से चार जिलों रायबरेली, हरदोई, सीतापुर और लखीमपुर के काॅलेज शामिल हैं.
सेल्फ फाइनेंस डिग्री काॅलेज एसोसिएशन की ओर से लिखे गए पत्र के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार शासन ने 11 जुलाई 2022 को परीक्षा कार्य संचालन के लिए स्नातक स्तरीय फीस 800 रुपये तथा अन्य के लिए एक हजार रुपये एवं 1500 रुपये टेक्निकल कोर्स के लिए घोषित की जा चुकी है तथा जिसे लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा भी रिट संख्या 899 ऑफ 2022 बाबू पंडित शिवभूषण शर्मा बनाम स्टेट ऑफ यूपी में दाखिल अपने काउंटर में इस फीस सम्बन्धित शासकीय पत्र की सूचना होने को स्वीकार भी किया गया है. इस स्थिति में विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा फीस के सम्बन्ध में भ्रमपूर्ण स्थिति बनाए रखते हुए परीक्षा फीस सम्बन्धी विज्ञप्ति न निकालना एवं लखनऊ विश्वविद्यालय की तथाकथित फीस कमेटी की जानकारी देना शासनादेशानुसार घोषित परीक्षा फीस की इस विश्वविद्यालय द्वारा अवहेलना किए जाने का परिचायक भी है.
इसके अलावा चार जिलों के महाविद्यालयों के लखनऊ विश्वविद्यालय में सम्मिलित किए जाने के बाद विभिन्न ज्ञापनों सहित 20 हजार रुपये अनुमोदन शुल्क तथा पांच हजार रुपये चयन प्रक्रिया के लिए गेस्ट हाउस शुल्क लिए जाने तथा निरीक्षण मंडल सदस्यों की संख्या काॅलेज के संकायों की संख्यानुरूप रखे जाने के निवेदन भी किए गए. जिस पर 17 अप्रैल 2022 को और कुलसचिव से भेंटकर 4 मई 2022 को ज्ञापन भी दिया जा चुका है, जिस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया. एसोसिएशन ने मांग की है कि ज्ञापन का संज्ञान लेते हुए परीक्षा फीस शासकीय मंशानुरूप 800 रुपये स्नातक स्तरीय एवं स्नातक टेक्निकल फीस 1000 व 1500 रुपये लिए जाने की घोषणा की जाए, क्योंकि शासनादेश होने के बाद समस्त महाविद्यालयों द्वारा छात्रों से वही परीक्षा शुल्क लिया गया है. साथ ही अनुमोदन शुल्क भी अन्य विश्वविद्यालय के अनुरूप 20 हजार के स्थान पर 10 हजार और जीएसटी न ली जाए. जीएसटी का प्रावधान सिर्फ लविवि में ही है तथा अन्य विश्वविद्यालयों में नहीं है.