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लखनऊः वीडियो कांफ्रेंसिंग से फसल उत्पादन के आधुनिक तरीकों से रूबरू होंगे यूपी के किसान

उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में 19 नवंबर को किसानों को आधुनिक खेती के तौर-तरीकों की जानकारी देने के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग और लाइव स्ट्रीमिंग कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यशाला में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई वैज्ञानिक मौजूद रहेंगे.

19 नवंबर को किसानों के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग और लाइव स्ट्रीमिंग कार्यशाला का आयोजन.

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Published : Nov 18, 2019, 9:14 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार खरीफ फसल की बुवाई से पहले किसानों को खेती के आधुनिक तौर-तरीकों की जानकारी देगा. दरअसल, किसानों को खेती के आधुनिक तौर-तरीकों की जानकारी देने के लिए सरकार वीडियो कांफ्रेंसिंग और लाइव स्ट्रीमिंग कार्यशाला का आयोजन करा रही है. 19 नवंबर मंगलवार को आयोजित होने वाली इस कार्यशाला में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ किसानों को खरीफ फसल उत्पादन की जानकारी देंगे.

19 नवंबर को किसानों के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग और लाइव स्ट्रीमिंग कार्यशाला का आयोजन.
वीडियो कांफ्रेंसिंग और लाइव स्ट्रीमिंग कार्यशाला का आयोजन19 नवंबर को किसानों को खेती के आधुनिक तौर-तरीकों की जानकारी देने के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग और लाइव स्ट्रीमिंग कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. सरकार के कृषि विभाग की ओर से आयोजित होने वाले इस अभिनव कार्यक्रम में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और राज्य मंत्री कृषि लाखन सिंह राजपूत भी मौजूद रहेंगे. इस कार्यक्रम में किसानों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए विषय विशेषज्ञ से रूबरू कराया जाएगा.

लाइव स्ट्रीमिंग एनआईसी की वेबसाइट पर
उत्तर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर स्थित एनआईसी पर वीडियो कांफ्रेंसिंग का आयोजन किया जा रहा है. इसमें सभी विकास खंड से चयनित किसानों को आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा इस कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग भी एनआईसी की वेबसाइट से कराई जाएगी.

लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए पूछ सकते है वैज्ञानिकों से सवाल
गांव में मौजूद किसान अपने मोबाइल फोन, लैपटॉप या कंप्यूटर की मदद से कार्यशाला का सीधे अवलोकन कर सकेंगे. लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए किसान विषय विशेषज्ञ वैज्ञानिकों से सीधे सवाल भी पूछ सकेंगे.

कई विशेषज्ञ वैज्ञानिकों को आमंत्रण
कृषि विभाग के निदेशक प्रसार डॉ. राम शब्द जैसवारा ने बताया कि कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ के तौर पर आईआईडब्ल्यूबीआर करनाल के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बीएस त्यागी, डीआरएमआर भरतपुर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. भगीरथ राम, आईआईपीआर कानपुर के निदेशक डॉ. एन पी सिंह, अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र के डॉ. मोहिंदर कादयान समेत कई वैज्ञानिकों को आमंत्रित किया गया है.

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