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कृषि कानून वापसी : कहीं ढोल की धुन पर थिरके तो...कहीं मिठाई बांटकर किसानों ने किया खुशी का इजहार

पीएम मोदी ने की कृषि कानून वापस लेने की घोषणा. किसानों ने पीएम के फैंसले का किया स्वागत. एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर किसानों ने मनाई खुशी.

मिठाई बांटकर किसानों ने किया खुशी का इजहार
मिठाई बांटकर किसानों ने किया खुशी का इजहार

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Published : Nov 19, 2021, 5:53 PM IST

Updated : Nov 19, 2021, 8:44 PM IST

लखनऊ : कृषि कानूनों के विरोध में लंबे समय से किसान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी बीच पीएम मोदी ने शुक्रवार को तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा कर दी. जिसके बाद देश भर के किसानों में खुशी का माहौल है. कृषि कानून वापस होने की घोषणा के बाद किसान संगठन ढोल-नगाड़े बजाकर व एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार कर रहे हैं. देश भर के किसानों ने पीएम के फैंसले की सराहना की है.

बिजनौर में किसानों में बांटी मठाई

कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद बिजनौर के किसानों में खुशी का माहौल है. किसानों ने कृषि कानून वापसी के इस मौके को खास बनाने के लिए एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाकर खुशी मनाई. वहीं किसानों का कहना है कि यदि सरकार समय रहते तीनों कानून वापस ले लेती तो और बेहतर होता. कुछ किसानों ने कृषि कानून वापसी के इस फैंसले को चुनावी बताया. किसानों का कहना है कि यूपी और पंजाब में चुनाव नजदीक है. इसलिए सरकार सत्ता में बने रहने के लिए दांव खेल रही है.

कृषि कानून वापसी के फैंसले का किसानों स्वागत किया

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रामपुर में किसानों में बांटी मिठाई

पीएम मोदी द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद देश भर में खुशी का महौल है. इसी कड़ी में रामपुर जिले में भारतीय किसान यूनियन(भाकियू) के नेता/कार्यकर्ताओं ने मिठाईयां बांटकर खुशी मनाई. इस खुशी के मौके पर भाकियू के रामपुर के जिलाध्यक्ष हसीब अहमद ने कहा कि यह किसानों के संघर्षों की जीत है. लेकिन यदि सरकार समय रहते कानून वापस लेती तो अच्छा होता.

एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर किसानों ने मनाई खुशी

भाकियू जिलाध्यक्ष ने कहा कि पीएम मोदी का कृषि कानून वापस लेने फैंसला सही है. वह इस फैंसले का स्वागत करते हैं. भाकियू जिलाध्यक्ष हसीब अहमद ने कहा कि कृषि कानून वापस लेने पर किसानों की जीत हुई है. सबसे बड़ी जीत उन किसानों और उनके परिजनों के लिए है, जो प्रदर्शन के दौरान शहीद हो गए. उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई अभी जारी रहेगी.

एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर किसानों ने मनाई खुशी

अलीगढ़ में बोले किसान धरती पुत्रों के सामने पीएम मोदी ने मानी हार
कृषि कानून की घोषणा के बाद अलीगढ़ जिले के टप्पल क्षेत्र में किसानों ने ढोल बजाकर व पटाखे फोड़कर खुशी मनाई. खुशियां मना रहे किसानों ने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया. कुछ किसानों नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार ने कृषि कानून वापस लेने में काफी देर कर दी.

ढोल की धुन पर थिरके किसान

कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लगभग 700 किसानों ने अपनी जान गंवाई है. उनके लिए सभी किसान परिवारों को काफी खेद है. अंत में मोदी सरकार को धरतीपुत्र किसानों के आगे हार माननी पड़ी. किसान नेता सुंदर बालियान ने कहा कि कृषि कानून वापस लेने पर सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करते हैं.

सरकार ने एक साल के बाद किसानों की सुध ली है, देर आए दुरुस्त आए. किसान नेता सुंदर बलियान ने कहा कि अभी हमारा मिशन पूरा नहीं हुआ है. आंदोलन अभी जारी रहेगा. जब तक सरकार की तरफ से लिखित में कानून वापसी का पत्र और एमएसपी पर गारंटी नहीं मिल जाती है, तब तक किसानों की आधी तपस्या सफल हुई है. किसानों की आधी समस्या अभी बाकी है.

एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर किसानों ने मनाई खुशी

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में बोले किसान, फैंसला लेने में हुई देरी

शुक्रवार को पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का एलान कर दिया. जिसके बाद देश भर के किसानों ने अपने-अपने तरीके से खुशी जाहिर की. सरकार के इस फैंसले पर ईटीवी भारत की टीम ने पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में किसानों की राय जानी.

वाराणसी के किसानों ने कहा कि फैंसला लेने में सरकार ने कर दी देरी

बातचीत के दौरान किसानों ने सरकार के फैंसले का खुलकर स्वागत किया. लेकिन कुछ किसानों ने कहा कि पीएम ने कृषि कानून वापस लेने की घोषणा करने में देर कर दी. वहीं कुछ किसानों का कहना है कि यूपी और पंजाब में चुनाव नजदीक है, इसीलिए सरकार ने कृषि कानून वापस किए हैं.

जिन पर लगे थे खलिस्तानी और आतंकवादी होने के आरोप, उन्हीं की हुई जीत

कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद बुलंदशहर में किसानों ने जमकर आतिशबाजी की. भाकियू नेता/कार्यकर्ताओं ने कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद पीएम मोदी को धन्यवाद दिया.

बुलंदशहर में भाकियू कार्यकर्ताओं ने मनाई खुशी

भाकियू नेताओं/कार्यकर्ताओं ने कहा कि जिन किसानों पर विरोध प्रदर्शन के दौरान खालिस्तानी, आतंकवादी और पाकिस्तानी होने के आरोप लगाए गए थे. आज उनकी जीत हुई है. किसान नेता मांगेतराम त्यागी ने कहा कि सरकार ने कृषि कानून वापस लेकर खुद यह साबित कर दिया कि प्रदर्शन कर रहे किसान न आतंकवादी थे और न ही पाकिस्तानी.

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Last Updated : Nov 19, 2021, 8:44 PM IST

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