उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

बारिश के कारण किसानों की मुश्किलें बढ़ीं, फसलों को नुकसान - due to rain in lucknow

राजधानी लखनऊ में मौसम ने अचानक परिवर्तन होने से कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश और ओलावृष्टि हुई. वहीं काकोरी, मलिहाबाद और माल के कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि अधिक हुई है. इसके चलते आम और सब्जियों की फसलों को नुकसान हुआ है.

बेमौसम बारिश से फसलों पर बीमारियों का प्रकोप
बेमौसम बारिश से फसलों पर बीमारियों का प्रकोप

By

Published : Feb 19, 2021, 9:25 AM IST

लखनऊ : राजधानी में अचानक मौसम में परिवर्तन होने से गुरुवार मध्यान्ह में कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश और ओलावृष्टि हुई. काकोरी, मलिहाबाद और माल के कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि अधिक हुई है. इसके चलते आम की फसल को नुकसान हुआ है. चंद्रभानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय बक्शी का तालाब लखनऊ के सहायक आचार्य डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आम की फसल पर बदली के दिनों मे भुंनगा कीट का प्रकोप बढ़ जाता है. इसे प्रबंधित करना बहुत जरूरी होता है. यदि इस पर समय से प्रबंधन नहीं किया जाता तो किसानों को अधिक नुकसान हो है.

आचार्य डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह

बेमौसम बारिश से फसलों पर बीमारियों का प्रकोप

उन्होंने कहा की इसको प्रबंधित करने के लिए इमिडाक्लोप्रिड कि 1.5 मात्रा को 1 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव लाभदायक होता है. वहीं बेमौसम बारिश होने से आम की फसल पर बीमारी का प्रकोप बढ़ जाता है. इस लिए किसानों को सल्फर 3 ग्राम में फफूंदी नाशक और पेगासस नामक कीटनाशक की 2 ग्राम मात्रा को एक 1 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए.

कद्दू वर्गीय सब्जियों की बुवाई लेट

डॉ. सिंह ने बताया कि बेमौसम बारिश के समय किसान टमाटर, मटर, मिर्च और बैगन की फसलों की निगरानी करते रहे. इसके चलते टमाटर, मिर्च में बीमारियों का प्रकोप बढ़ेगा. जिसे प्रबंधित करने के लिए डाइथेन एम-45 की 3 ग्राम मात्रा को लेकर 1 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करे. वहीं इस समय बीमारियों के साथ कीटों का प्रकोप बढ़ जाता है. इसके चलते कद्दू वर्गीय सब्जियों के साथ तरबूजे और खरबूजे की बुवाई देरी होती है.

पछेती मटर की फसलों पर कवकों का प्रकोप

बेमौसम बरसात हो जाने से मौसम में नमी बढ़ जाती है तो वहीं पछेती मटर की फसलों पर कवकों का प्रकोप अधिक हो जाता है. सब्जी और मटर में अधिक नुकसान होने की संभावना होती है. बारिश खत्म होने के बाद चटकीली धूप निकलने से सब्जी मटर के ऊपर भंभुआ रोग (असिता) का प्रकोप बढ़ने लगता है. इस बीमारी से पौधों की पत्तियां, तने, शाखाएं और फलियां बुकनी जैसे पदार्थ से ढक जाती हैं. इसके रोकथाम के लिए सल्फर युक्त रसायन हेक्साल, एलोसाल, सल्फेक्स में से किसी एक रसायन की 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर अथवा कैराथेन 1 मिली‌ प्रति लीटर पानी में मिलाकर रोग प्रकट होने पर छिड़काव करें. वहीं 15 दिन के अंतराल पर आवश्यकतानुसार पुनः छिड़काव करे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details