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जितनी बढ़ रही इन फूलों की खुशबू, उतना बढ़ रहा किसानों का व्यापार - फूलों का व्यापार

फूलों की खेती का प्रचलन पूरे देश में काफी तेजी से फैल रहा है. फूलों के खिलने के साथ ही किसानों के चेहरे भी खिल उठे हैं. ऐसे में राजधानी लखनऊ के किसान भी अपनी किस्मत फूलों की खेती में आजमा रहे हैं. किसानों का कहना है कि इससे उनकी आय दोगुना तक बढ़ गई है. आइए देखते हैं ये स्पेशल रिपोर्ट.

फूलों पर स्पेशल रिपोर्ट.

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Published : Nov 25, 2019, 12:04 AM IST

Updated : Nov 25, 2019, 12:19 AM IST

लखनऊ: भारत हमेशा से कृषि प्रधान देश रहा है, लेकिन पिछले कुछ दशकों में कर्ज के बोझ तले दबने वाले किसानों की सूची में लगातार इजाफा हो रहा है. वहीं कुछ किसानों ने कृषि पद्धति में बदलाव कर अपनी पहचान भी बनाई है. राजधानी लखनऊ में किसानों ने भी कुछ ऐसे ही गुल खिलाएं हैं, जहां फूलों की खेती से किसानों के चेहरे फिर से खिल आए हैं.

फूलों पर स्पेशल रिपोर्ट.

10 एकड़ जमीन में बना किसान बाजार
फूलों की खेती का प्रचलन पूरे देश में बहुत तेजी से फैल रहा है. फूल खुद खिलकर किसानों के चेहरे भी खिला रहे हैं. अमेठिया सलेमपुर में इन दिनों यह खेती काफी प्रचलित हो रही है. गोमतीनगर के मंडी परिषद में 10 एकड़ में करीब 67 करोड़ रुपये खर्च कर एक अनोखा किसान बाजार बनाया गया था.

विदेशों से आते हैं व्यापारी
प्रदेश में सबसे बड़ी फूल की मंडी कही जाने वाले किसान बाजार में हजारों किसान और व्यापारी हर रोज मौजूद रहते हैं. वहीं दूसरी ओर इस किसान बाजार में सैकड़ों प्रजातियों के फूल देखने को मिलते हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि किसान बाजार में प्रदेश के व्यापारी ही नहीं, बल्कि विदेशी भी फूल खरीदने आते रहते हैं.

फूलों की खेती परहैकिसानों का ध्यान

किसान बाजार में आने वाले किसानों का कहना है कि उन्हें फूल की खेती से बहुत फायदा मिला है, जिसके चलते किसान अन्य फसलों को छोड़कर फूल की खेती पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. किसान बाजार के सचिव संजय सिंह से मिली जानकारी के मुताबिक इस मंडी में शुरुआती समय के दौरान 10 से 15 कुंतल देशी फूल आया करते थे, लेकिन आज किसान बाजार में 25 से 28 कुंतल देशी फूल बाजार में आता है.

युवाओं की बढ़ रही रुचि
सचिव संजय सिंह बताते हैं कि इसमें गेंदा 8 कुंतल, गुलाब 1 कुंतल, देशी ग्लेडियस 8 कुंतल, रजनीगंधा 9 कुंतल तथा 35 पेटी अन्य फूल शामिल हैं. किसान बाजार में फूलों की मांग पहले की अपेक्षा 35 से 40 फीसदी बढ़ी है. वहीं प्रदेश में फूलों की खेती करने वाले युवाओं की बात करें तो करीब 40 फीसदी युवा फूलों की खेती में रुचि लेने लगे हैं.

बाजार होने से किसानों को मिल रहा लाभ
पॉश इलाके गोमती नगर स्थित किसान बाजार में हजारों की संख्या में व्यापारी सुबह से ही आने लगते हैं. किसान अपने खेतों में उगाए हुए फूलों को सीधा मार्केट में बेचने आते हैं. किसानों का कहना है कि इससे पहले किसान फूल की खेती को लेकर चिंतित थे, क्योंकि उनके पास बेचने के लिए कोई स्थान नहीं था, लेकिन जब से किसान बाजार बन गया है, तब से किसान अपना माल सीधा बाजार में बेचते हैं और उसका सीधा फायदा भी उन्हें मिलता है.

किसानों का कहना है कि बाजार से बिचौलियों का खात्मा हो गया है और अब हम अपने खेत से फूल लेकर सीधा मार्केट में बेच देते हैं. हमें किसान बाजार की सारी सुविधाओं का लाभ मिलता है.

फूलों का हब बन रहा लखनऊ
किसान बाजार के फूल व्यापारी परवेज सिद्दीकी बताते हैं कि जिस तरह से पहले हम लोग दिल्ली फूल खरीदने जाया करते थे, वैसे ही अब लोग दिल्ली से लखनऊ फूल की खरीददारी करने आते हैं. एक समय हुआ करता था जब लखनऊ में लोग फूल के व्यापार को नहीं जानते थे, लेकिन अब लखनऊ में फूल के उत्पादन में काफी इजाफा हुआ है. हम लोग लोकल एरिया से फूल खरीदते हैं और विदेश से भी फूल मंगा कर यहां भेजते हैं. आने वाले समय में लखनऊ शहर फूलों का हब माना जाएगा.

योगी सरकार से मिल रही मदद
वहीं किसान बाजार के अध्यक्ष मंगल सिंह का कहना है कि पहले किसान परेशान थे, लेकिन अब फूल की खेती पैदा करके डबल फायदा उठा रहे हैं क्योंकि जबसे योगी सरकार आई है, तब से किसानों की तरफ सरकार ने ध्यान अग्रसित किया है. किसान बाजार में नए सचिव के आने से मंडी में काफी बदलाव है.

Last Updated : Nov 25, 2019, 12:19 AM IST

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