लखनऊ:किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलवाने के लिए सरकार ने जगह-जगह क्रय केंद्रों की स्थापना की, ताकि किसान यहां जाकर अपनी फसल बेच सकें और उन्हें उसका उचित मूल्य भी मिले. राजधानी में कई जगह क्रय केंद्र न होने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
क्रय केंद्र न होने से किसानों को हो रही परेशानी.
क्रय केंद्र न होने से किसानों को हो रही परेशानी
- सरकार ने किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य देने के लिए क्रय केंद्रों की स्थापना की.
- लखनऊ से 40 किमी दूर निगोहा क्षेत्र के किसान आज भी परेशान हैं.
- निगोहा में क्रय केंद्र न होने से किसानों को मजबूरन 15 से 20 किलोमीटर दूर जाकर क्रय केंद्र पर अपनी फसल बेचनी पड़ती है.
- क्रय केंद्रों की कमी की वजह से छोटे किसान फसल औने-पौने दाम पर बिचौलियों को बेच रहे हैं.
ईटीवी भारत ने जब किसानों से बात की तो उनका कहना है कि आस-पास के क्षेत्रों में कोई भी क्रय केंद्र नहीं है. निगोहा में समिति तो बनी है, लेकिन वह कई सालों से बंद है. इसकी वजह से उन्हें काफी दूर जाना पड़ता है. छोटे किसान आज भी अपनी फसल व्यापारियों और बिचौलियों को ही बेच रहे हैं. इस वजह से किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है.
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क्रय केंद्रों की बात करें तो वहां पर किसानों को धान की फसल 1800 रुपये प्रति कुंतल का रेट दिया जाता है. आस-पास क्रय केंद्र न होने की वजह से आज भी छोटे किसान अपनी धान की फसल को 1400 से 1500 रुपये प्रति कुंतल बेच रहे हैं.