लखनऊ : अजीत सिंह हत्याकांड में नामजद आरोपी गिरधारी विश्वकर्मा की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई. वहीं उसके शव का पोस्टमार्टम सीसीटीवी की निगरानी और डॉक्टरों के पैनल के द्वारा कराया गया है. लेकिन उसके शव को परिजन लेने नहीं पहुंचे. विभूति खंड पुलिस ने जब गिरधारी के पिता से बात की तो उन्होंने अपनी तबीयत खराब होने का हवाला देकर आने से मना कर दिया. जिसके बाद विभूति खंड थाना पुलिस मृतक गिरधारी के वाराणसी के चोलापुर स्थित घर पहुंचकर अंतिम संस्कार के लिए नोटिस देकर आयी है.
24 घंटे बाद भी गिरधारी के शव को लेने नहीं पहुंचे परिजन
अजीत सिंह हत्याकांड में नामजद आरोपी गिरधारी विश्वकर्मा की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई. वहीं उसके शव का पोस्टमार्टम सीसीटीवी की निगरानी और डॉक्टरों के पैनल के द्वारा कराया गया है. लेकिन उसके शव को परिजन लेने नहीं पहुंचे. विभूति खंड पुलिस ने जब गिरधारी के पिता से बात की तो उन्होंने अपनी तबीयत खराब होने का हवाला देकर आने से मना कर दिया.
बता दें कि 6 जनवरी को मऊ के पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या मामले में गिरधारी विश्वकर्मा नामजद आरोपी था. वहीं हत्या में प्रयुक्त होने वाले असलहे को बरामदगी के लिए पुलिस गिरधारी को ले जा रही थी. पुलिस के अनुसार उसी दौरान उसने उपनिरीक्षक का पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की, जिसके बाद मुठभेड़ में गिरधारी मारा गया.
गिरधारी के शव को लेने नहीं पहुंचे परिजन
एक लाख का इनामी शूटर गिरधारी विश्वकर्मा पुलिस एनकाउंटर में मारा गया है. सोमवार को गिरधारी का पोस्टमार्टम कराया गया जिसके बाद उसके शव को ले जाने के लिए परिजनों को सूचना दी गई, लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी शव पोस्टमार्टम हाउस में पड़ा हुआ है. शव को परिजन लेने के लिए नहीं पहुंचे. ऐसे में परेशान पुलिस ने जब परिजनों से बात की तो गिरधारी के पिता ने तबीयत खराब होने का हवाला देकर आने से मना कर दिया. इसके बाद विभूति खंड थाना पुलिस वाराणसी के चोलापुर के लखनपुर गांव में जाकर अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को नोटिस देकर आयी है.
कैसे मारा गया गिरधारी विश्वकर्मा
6 जनवरी को विभूति खंड थाना के कठौता चौराहे पर गैंगवार में मऊ के पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या हो गई थी. यह हत्या आजमगढ़ जेल में बंद कुंटू सिंह और अखंड सिंह के इशारे पर शूटर गिरधारी विश्वकर्मा सहित पांच अन्य शूटरों ने की थी. गिरधारी विश्वकर्मा को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. वहीं कोर्ट से रिमांड की अर्जी मंजूर होने पर लखनऊ पुलिस हत्या के संबंध में पूछताछ के लिए 3 दिनों के लिए गिरधारी को लाई थी. सोमवार सुबह तड़के गिरधारी विश्वकर्मा को अजीत की हत्या में प्रयुक्त असलहा की बरामदगी के लिए खरगापुर रेलवे के पास ले जाया गया. पुलिस के अनुसार इसी दौरान वह उपनिरीक्षक सईद उस्मानी की सरकारी पिस्टल छीनकर वह भागने लगा. जिसके बाद पुलिस से हुई मुठभेड़ में गिरधारी मारा गया.