लखनऊःADG UP STF अमिताभ यश की मानें तो बेरोजगारों को फंसाने के लिए ठगों ने यूपी के कई शहरों में जाल बिछा रखा है. ये लोग सरकारी और गैर सरकारी विभागों से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाते हैं. फिर पॉश इलाके में शानदार ऑफिस बनाते हैं और पढ़ी लिखी और अंग्रेजी बोलने में ट्रेंड लड़कियों और लड़कों को अपने यहां नौकरी पर रखते हैं. इन्हें वेबसाइट पर भरे गए डेटा पर नजर रखने को बोला जाता है. डेटा के आधार पर ही ऑफिस की लड़कियां बेरोजगारों को नौकरी के संबंध में जानकारी देती हैं. गिरोह के सदस्य बेरोजगारों पर नजर रखते हैं और उन्हें अपने जाल में फंसाते हैं.
नौकरी के नाम पर उड़ाते थे डाटा और रकम
STF की टीम ऐसी ही फेक वेबसाइट को चिन्हित कर कार्रवाई करती है. UP साइबर क्राइम टीम ने सोमवार (26 जुलाई) को ऑनलाइन जॉब पोर्टल (SHINE.COM) से जॉब सीकर्स (नौकरी खोजने वाले जरूरतमंद) का डेटा निकालकर फर्जी वेबसाइट WWW.MONSTERINDIA.ORG पर नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के दौरान लोगों के खातों का नेट बैंकिंग आईडी पासवर्ड और गोपनीय डाटा उड़ाने वाले अंतरराज्यीय साइबर क्राइम गैंग के सरगना अमर श्रीवास्तव समेत मुदित शर्मा और विष्णु शर्मा को गिरफ्तार किया है.
भारत स्काउट गाइड की बनाई फर्जी वेबसाइट
UP STF ने बीते 15 जुलाई को भारत स्काउट गाइड की फर्जी वेबसाइट बनाकर नौकरी का झांसा देकर बेरोजगारों को ठग रहे नित्यप्रिय मौर्य और श्याम बाबू मौर्य समेत चार को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया. यह आरोपी लखनऊ के आलमबाग इलाके में कार्यालय खोलकर आवेदकों का प्रशिक्षण करवा रहे थे. यूपी एसटीएफ की मानें तो आरोपी अपनी वेबसाइट पर स्काउट गाइड में जिला कमांडेंट की भर्तियों का विज्ञापन जारी करते और फिर आवेदन करने वालों से पहले आवेदन और ट्रेनिंग की फीस लेकर उनका प्रशिक्षण अपने इसी कार्यालय में करवाते थे. इसके बाद नियुक्ति के नाम पर प्रति कैंडिडेट डेढ़ लाख रुपए वसूलते थे. आरोपी अभी तक 100 से ज्यादा नौजवानों को ठगी का शिकार बना चुके हैं.
इसे भी पढ़ें-'घर वापसी' को तरस रहे ईरान में फंसे पांच भारतीय, PM से फिर लगाई गुहार
फर्जी नियुक्ति पत्र थमा कर देते थे झांसा
यूपी एसटीएफ ने बीते 4 जुलाई को फर्जी नियुक्ति पत्र थमा कर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का भंडाफोड़ करते हुए उनके सरगना गोमती नगर की मिथिलेश सहित महेश, रितेश और विपिन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया. यह गिरोह अब तक 90 लोगों से ठगी कर चुका है. नौकरी करने के इच्छुक लोगों से यह एडवांस पैसा लेकर उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र थमा देते थे. यह लोग इंटरनेट पर सरकारी नौकरी की वेबसाइट चेक करके यह पता लगाते थे कि किस-किस सरकारी व गैर सरकारी विभागों में भर्तियां निकली हैं. फिर उनकी वेबसाइट बनाकर बेरोजगारों को अपने जाल में फंसा कर रकम ऐंठते थे.
एफसीआई में नौकरी के नाम पर 60 लोगों से 1.75 करोड़ की ठगी