लखनऊ:जनपद के चौक स्थित दिगंबर जैन इंटर कॉलेज में 2016-17 में हुई 6 अवैध नियुक्तियों के खिलाफ राष्ट्रीय सहारा की मुहिम रंग लाई है. इस संबंध में स्कूल शिक्षा के महानिदेशक विजय किरण आनंद ने पूरे प्रकरण की जांच के लिए 2 दिसंबर को अपर शिक्षा निदेशक सरिता तिवारी, वित्त नियंत्रक माध्यमिक शिक्षा बीआर प्रसाद व मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक श्याम किशोर तिवारी ने तीन सदस्यीय जांच बैठा दी है.
दिगंबर जैन इंटर कॉलेज में फर्जी नियुक्ति का मामला, 31 दिसंबर को कमेटी करेगी जांच - लखनऊ में फर्जी नियुक्ति मामले में जांच
लखनऊ के दिगंबर जैन इंटर कॉलेज (Digambar Jain Inter College Lucknow) में फर्जी नियुक्ति मामले में 31 को दिसंबर में तीन सदस्यीय कमेटी जांच करेगी. करीब 6 साल पहले कॉलेज में नियुक्ति हुई थी.
जांच कमेटी को 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट देने का आदेश दिया था. अब कमेटी चंबल घाटी के बाद 31 दिसंबर को इस पूरे मामले की स्थलीय जांच करने के लिए स्कूल जाएगी. यह मामला करीब 6 साल पहले तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक उमेश कुमार त्रिपाठी ने कॉलेज में गलत ढंग से फर्जी (Fake case appointment in Lucknow College) नियुक्तियां की थी. इतना ही नहीं धारा तीन के तहत सभी छह फर्जी नियुक्तियों का 3 महीने का वेतन भुगतान भी करा दिया था और इसके कागजात भी गायब करा दिए. यही वजह है कि धारा तीन के तहत निकाले गए वेतन का ब्यौरा कॉलेज के पास नहीं है. पिछले महीने यह विवाद तब सामने आया था, जब आजमगढ़ में डीआईओएस के पद पर तैनात उमेश त्रिपाठी ने तत्कालीन डीआईओएस (द्वितीय) डीएन सिंह के भाई बलवंत सिंह, शिक्षक नेता हवलदार सिंह के बेटे रवि कुमार के साथ ही रिकी सिंह, रश्मि मिश्रा, शशिकला सिंह, अरूणिमा पांडे के लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये (वेतन और कई प्रकार के एरियर इत्यादि को मिलाकर) का भुगतान करने की तैयारी शुरू कर दी है.
महानिदेशक विजय किरण आनंद ने श्री दिगंबर जैन इंटर कॉलेज चौक लखनऊ की कालातीत प्रबंध समिति को और उसके द्वारा 2016-17 में की गई 6 शिक्षकों की अवैध नियुक्तियों को समाप्त किए जाने के संबंध में विनय कुमार जैन की शिकायत के बाद 3 सदस्यीय कमेटी बैठा दी है, जो 15 दिन के अंदर अपनी विस्तृत जांच करते हुए उसकी आख्या महानिदेशक को सौंपेगी.