लखनऊ: प्रदेश सरकार प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सालाना परीक्षाओं में फेल और पास का नियम दोबारा लागू करने जा रही है. बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए ऐसा किया जाना जरूरी है. नई शिक्षा नीति में हम जल्द ही यह व्यवस्था वापस लागू करने जा रहे हैं.
सालाना परीक्षाओं में फेल और पास का नियम फिर से होगा लागू. परीक्षाओं को बना दिया गया है औपचारिकउत्तर प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 2014 से सालाना परीक्षाओं को केवल औपचारिक बना दिया गया था. इन परीक्षाओं के आयोजन तो होते थे लेकिन किसी भी विद्यार्थी को फेल नहीं किया जाता था. यह नियम उन विद्यार्थियों को भी अगली कक्षा में पढ़ने का मौका देता था जिन्होंने सालाना परीक्षा में हिस्सा ही नहीं लिया हो. यानि अनुपस्थित छात्र भी अगली कक्षा में दाखिला पा जाते थे. इसे भी पढ़ें-लखनऊ: 'लिफपा-2020' में विदेशी कलाकार देंगे कथक पर प्रस्तुति, यह है खास बात
बच्चों के शैक्षिक ज्ञान का परीक्षण
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इससे प्रदेश की स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में बड़ा हृास दर्ज किया गया है. पिछले दिनों सरकार ने जब बच्चों के शैक्षिक ज्ञान का परीक्षण कराया तो कई जिलों में विद्यार्थियों का स्तर बेहद निम्न पाया गया. ऐसे में सालाना परीक्षा और फेल-पास के नियम को सख्ती से लागू करने की जरूरत महसूस की गई है.
सरकार ने उच्च प्राथमिक और प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को बचाए रखने के लिए फैसला किया है. सालाना परीक्षाओं के पुराने सिस्टम को वापस लाया जाए. नई शिक्षा नीति में इस बारे में स्पष्ट नियम बनाए जा रहे हैं. आगामी शिक्षा सत्र में नए नियमों को लागू कर दिया जाएगा. अब उत्तर प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को सालाना परीक्षा में फेल होने पर अगली कक्षा में पढ़ने का मौका नहीं दिया जाएगा.
-डॉ. सतीश द्विवेदी, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री