लखनऊ :परिवहन विभाग ने आवेदकों को घर बैठे फेसलेस लाइसेंस के आवेदन की ऑनलाइन सुविधा तो दी, लेकिन सरकार की तरफ से निर्धारित किए गए पांच विकल्पों में से सिर्फ एक ही विकल्प मौजूद है. चार विकल्प फेसलेस ऑनलाइन आवेदन में काम ही नहीं आ रहे हैं. फेसलेस में सिर्फ आधार कार्ड की ही स्वीकार्यता है, अन्य तरह के विकल्प आधारहीन हैं. इससे सेना के जवान और सरकारी कर्मचारी काफी परेशान हैं. वजह है कि आधार कार्ड स्थाई पते का होता है और इनका ट्रांसफर देश के विभिन्न प्रदेशों में कहीं भी होता रहता है. ऐसे में अगर फेसलेस लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं तो गृह जनपद के आरटीओ कार्यालय के लिए ही आवेदन स्वीकार होता है.
लाइसेंस की फेसलेस व्यवस्था में "आधार" के आगे सरकार के सभी विकल्प "निराधार" - आरटीओ कार्यालय लखनऊ
आरटीओ कार्यालय से सेना के जवानों और सरकारी कर्मचारियों को ड्राइविंग लाइसेंस जारी कराने में मशक्कत झेलनी पड़ रही है. ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए दिए गए चार विकल्पों में से आवेदकों को सिर्फ एक विकल्प दिया जा रहा है.
आधार कार्ड में फेस ऑथेंटिकेशन का लोचा: आरटीओ कार्यालय में हर रोज तमाम ऐसे भी आवेदक आते हैं जिनके पास आधार कार्ड है. उन्होंने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल भी किया, लेकिन फेस ऑथेंटिकेशन न हो पाने के चलते बार-बार असफल हो रहे हैं. आधार की फोटो मैच न करने से आवेदक परीक्षा देने पर चीटिंग में फेल हो जा रहे हैं आरटीओ कार्यालय में अधिकारियों के पास शिकायत लेकर आते हैं तो वह आधार कार्ड में फोटो अपडेट कराकर फिर से आवेदन करने की सलाह देकर वापस भेज देते हैं. आवेदक फेसलेस व्यवस्था से काफी निराश हैं.