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कबाड़ियों से कब्जा मुक्त हुई LDA की बेशकीमती जमीन, चला बुलडोजर

राजधानी लखनऊ में सालों से सीतापुर रोड की प्रियदर्शनी कॉलोनी में जमे हुए कबाड़ियों को हटाने की कार्रवाई मंगलवार को शुरू कर दी गई. यहां कुछ देर के विरोध के बाद कार्रवाई चली और करीब दो हजार वर्ग मीटर के व्यवसायिक भूखंड की भूमि को खाली करवाया गया.

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कबाड़ियों को हटाकर खाली करवाई बेशकीमती जमीन.

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Published : Oct 21, 2020, 1:56 AM IST

लखनऊ: सीतापुर रोड स्थित प्रियदर्शिनी कॉलनी में लखनऊ विकास प्राधिकरण की बेशकीमती भूमि पर 15 सालों से अवैध कब्जा था. यहां करीब 25 हजार वर्ग फुट की व्यवसायिक भूमि पर कबाड़ का बाजार चल रहा था. कई बार नोटिस के बाद न हटाये जाने पर मंगलवार को एलडीए के प्रवर्तन दस्ते ने कब्जे से जमीन खाली खाली करा ली.

पूरा कब्जा हटाने में लगेंगे दो दिन
प्राधिकरण के प्रवर्तन दस्ते का नेतृत्व कर रहे अधिशासी अभियंता अजय पवार ने बताया कि एलडीए की इस जमीन पर कबाड़ी व्यापरियों ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा था. एलडीए प्रशासन के मुताबिक व्यवसायिक भूमि की कीमत करोड़ों रुपये है. बीते एक दशक से भी अधिक समय से कबाड़ियों का कब्जा था. मंगलवार को अभियान चलाया गया, लेकिन पूरी तरह से कब्जा नहीं हटाया जा सका है. अभी समस्त भूमि को खाली कराने के लिए दो दिन और लगेंगे, जिसके पश्चात कबाड़ियों के अवैध कब्जे में रही पूरी भूमि मुक्त हो जाएगी.

कबाड़ियों ने किया हंगामा
एलडीए प्रशासन ने जैसे ही बुलडोजर चलाना शुरू किया तो अवैध कब्जा कर बैठे कबाड़ियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसके चलते थोड़ी देर के लिए कार्रवाई बाधित रही. मगर दस्ते के साथ मौजूद पुलिस बल ने बल प्रयोग कर हंगामा कर रहे कबाड़ियों को खदेड़ दिया. प्रवर्तन दस्ते ने जेसीबी मशीन से उनकी टीनशेड लगाकर बनायी गईं दुकानें गिरा दी. अवैध कब्जेदार कार्यवाई रोकने व सामान निकालने की मोहतल मांगने लगे. इस दौरान दस्ते ने दो दर्जन से ज्यादा कबाड़ियोंकी दुकानें व पीछे बनी झोपडियां गिरा दीं.

नहीं बिक रहे थे एलडीए के फ्लैट
बता दें कि एलडीए की प्रियदर्शिनी योजना में रिक्त पड़ी इस भूमि पर कबाड़ियोंकी वजह से अपार्टमेंट की दो योजनाएं नहीं चल पा रही थीं. इनकी वजह से लोग इनमें फ्लैट नहीं खरीद रहे थे. वहीं इस भूमि पर एलडीए प्रशासन अपनी व्यवसायिक योजना भी नहीं लांच कर पा रहा था. एलडीए प्रशासन अपनी करोड़ों रुपये की उक्त भूमि को इससे पूर्व भी कई बार खाली कराने का प्रयास किया था, लेकिन हंगामे व बवाल के चलते खाली नहीं करा सका था.

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