पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का पूरा हुआ 57 फीसदी काम, तेजी लाने के दिये निर्देश
यूपीडा के कार्यपालक अधिकारी ने शनिवार को लोकभवन में बैठक कर कार्य में और तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. 344 किलोमीटर लंबा निर्माणाधीन पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का 57 फ़ीसदी कार्य पूरा हो चुका है. वहीं 82 फीसदी मिट्टी का कार्य पूरा कर लिया गया है.
लखनऊ: पूर्वांचल के बड़े क्षेत्र को प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सीधा जोड़ने के लिए 344 किलोमीटर लंबा निर्माणाधीन पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का 57 फ़ीसदी कार्य पूरा हो चुका है. वहीं 82 फीसदी मिट्टी का कार्य पूरा कर लिया गया है. यूपीडा के कार्यपालक अधिकारी ने शनिवार को यहां लोकभवन में बैठक कर कार्य में और तेजी लाने के निर्देश दिए हैं.
यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश अवस्थी की अध्यक्षता में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य की समीक्षा लोक भवन में की गई. इस बैठक में यूपीडा के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ निर्माण कंपनियों के प्रतिनिधि एवं सभी पीआईयू के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे.
बैठक में अवस्थी ने निर्माण कार्य करने वाली कंपनियों को निर्देशित किया है कि गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य को तेजी से कराया जाए. इसके साथ ही रेलवे ओवरब्रिज और इंटरचेंज के कार्यों को तेजी से कराया जाना सुनिश्चित करें. इसके अतिरिक्त अवस्थी ने यह भी कहा कि स्ट्रक्चर के निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए. अवस्थी ने निर्माण कार्य करने वाली कंपनियों को निर्देशित करते हुए कहा कि रैंप प्लाजा के डिजाइन को फाइनल कर शीघ्रता से निर्माण कराया जाए. इसके साथ ही ATMS के कार्य के लिए वेंडर का चयन कर कार्य अविलंब शुरू किया जाए.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की खासियत
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ सुल्तानपुर रोड एनएच-731 पर स्थित ग्राम चांदसराय लखनऊ से प्रारंभ होकर यूपी-बिहार सीमा से 18 किलोमीटर पहले राष्ट्रीय राजमार्ग 130 पर ग्राम हैदरिया पर समाप्त होगा. एक्सप्रेस-वे की लंबाई 340.824 किलोमीटर है. इस परियोजना से लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ तथा गाजीपुर जिले लाभान्वित होंगे. एक्सप्रेस-वे छह लेन चौड़ा (आठ लेन में विस्तारणीय) होगा. अन्य संरचनाएं आठ लेन चौड़ाई की बनाई जा रही हैं. अवनीश अवस्थी ने बताया कि 12 सितंबर तक मिट्टी का कार्य 82 प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है. परियोजना की कुल भौतिक प्रगति लगभग 57 प्रतिशत पूर्ण हो चुकी है.