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वसूली के आरोप में पावर कारपोरेशन के अधिशासी अभियंता और कैसियर हुए बर्खास्त

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के स्पष्ट निर्देश है कि पावर कारपोरेशन में भ्रष्टाचारी अधिकारी बक्से नहीं जाएंगे. पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में कार्यरत अधिशासी अभियंता संजय शर्मा और नोएडा के एक विद्युत उप केंद्र पर तैनात महेश कुमार पर लगे आरोप सही पाए गए हैं. दोनों को बर्खास्त कर दिया गया है.

पावर कारपोरेशन के अधिशासी अभियंता और कैसियर हुए बर्खास्त
पावर कारपोरेशन के अधिशासी अभियंता और कैसियर हुए बर्खास्त

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Published : Jun 10, 2021, 9:31 AM IST

लखनऊः यूपी पावर कारपोरेशन इन दिनों जहां बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए प्रयासरत है तो वहीं जीरो टॉलरेंस के चलते भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रहा है. पिछले दिनों नोएडा में तैनात रहे अधिशासी अभियंता संजय शर्मा और कैसियर महेश कुमार के खिलाफ 54 लाख रुपये की अवैध वसूली की शिकायत हुई. वहीं इस मामले पर पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज ने जांच के आदेश दिए.

आरोप सही पाए जाने के बाद अध्यक्ष एम देवराज ने दोनों की बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया है. बता दे अधिशासी अभियंता संजय कुमार मौजूदा समय में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में कार्यरत थे जबकि महेश कुमार नोएडा के एक उप केंद्र पर तैनात थे.

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के स्पष्ट निर्देश है कि पावर कारपोरेशन में भ्रष्टाचारी अधिकारी बक्से नहीं जाएंगे. वह जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं. पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में कार्यरत अधिशासी अभियंता संजय शर्मा और नोएडा के एक विद्युत उप केंद्र पर तैनात महेश कुमार के ऊपर 54 लाख रुपये की अवैध वसूली की शिकायत पाई गई. इस मामले में जांच के बाद दोनों पर आरोप सही पाए गए. चेयरमैन एम देवराज ने दोषियों पर कार्रवाई करने मैं देर नहीं किए दोनों की बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए गए हैं.

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कैसे दिया था घपले को अंजाम

अधिशासी अभियंता संजय शर्मा 12 जून 2019 से लेकर 5 मार्च 2020 तक इसी पद पर वे नोएडा में तैनात रहे थे. वही कैसियर महेश कुमार भी उसी वितरण खंड में तैनात थे. 5 अक्टूबर 2019 को वितरण खंड के कि बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में ₹ 54 लाख जमा कराने की बात सामने आई लेकिन नहीं इसकी प्रविष्टि कैश बुक में दर्ज की गई और ना ही धनराशि की कोई रसीद जारी की गई. इस मामले पर दोनों के खिलाफ जांच शुरू हो गई. इसकी जांच मुख्य अभियंता पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम कर रहे थे.

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