लखनऊ:ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ में शुक्रवार को कार्यपरिषद की 21वीं बैठक संपन्न हुई. बैठक में विश्वविद्यालय से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगाई गई. बैठक में विश्वविद्यालय के 12 सहायक आचार्य को कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के अंतर्गत पदोन्नति का अनुमोदन दिया गया. साथ ही कार्यपरिषद ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों की पूर्व में की गई सेवाओं को वर्तमान सेवा में जोड़े जाने हेतु शासन को पत्र प्रेषित किए जाने पर भी अनुमोदन दिया.
भाषा विश्वविद्यालय की नई छवि स्थापित करने के लिए विद्यालय की परीनियमावली में संशोधन कर अनिवार्य प्राथमिक विषयों की सूची में उर्दू, अरबी फारसी, संस्कृत विषयों की व्यवस्था को समाप्त करते हुए भाषा की संस्कृति और इतिहास का परिचय विषय को सम्मिलित किया गया. उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा 52 के अंतर्गत विश्वविद्यालय के प्रथम प्रस्तावित अध्यादेश के ध्यान को बैठक में सर्वसम्मति से अनुमोदन प्रदान किया गया. कार्य परिषद द्वारा छात्र-छात्राओं की सीनेट बनाए जाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति किया गया और इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संकाय अध्यक्ष छात्र कल्याण को दी गई. कार्यपरिषद में स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के संचालन हेतु एक समिति गठन किए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई.