लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष, राजधानी की मोहनलालगंज लोकसभा सीट से सांसद और हाल ही में केंद्रीय मंत्री बने कौशल किशोर की पार्टी में दलित नेता के रूप में मजबूत पहचान है. गरीबों के अधिकारों और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलनों से अपनी पहचान बनाने वाले कौशल किशोर शराब विरोधी मुहिम के लिए भी जाने जाते हैं. गरीबों और आम आदमी में इनकी गहरी पैठ है. कौशल किशोर विभिन्न सामाजिक मुद्दों के साथ ही कोरोना काल में अपने बयानों के कारण चर्चा में रहे हैं. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हालिया मंत्रिपरिषद विस्तार में उन्हें आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री बनाया है. शपथ ग्रहण के बाद पहली बार अपने घर पहुंचे मंत्री कौशल किशोर से हमने उत्तर प्रदेश की राजनीति सहित विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की.
नई जिम्मेदारी के साथ बढ़ गईं अपेछाएं
पार्टी के द्वारा दी गई नई जिम्मेदारी के साथ ही पार्टी की अपेछाएं भी बढ़ गई हैं साथ ही नजदीक आ रहे विधानसभा चुनाव को लेकर चुनौतियों पर उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर हमें लोगों का समर्थन मिल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह और पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी के नेतृत्व ने मुझ पर विश्वास जताया है. उन्होंने कहा कि तीन दिन मैंने क्षेत्र का दौरा किया और आशीर्वाद मांगा है. केंद्र की मोदी सरकार हो या प्रदेश की योगी सरकार दोनों ने अच्छा काम किया है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 14 करोड़ महिलाओं के लिए गैस सिलेंडर, पचास करोड़ लोगों को पांच लाख तक का मुफ्त इलाज जैसी तमाम योजनाएं हैं, जो हमारी सरकार को लोकप्रिय बनाती हैं.
जीतेगें 325 से ज्यादा सीटें
वहीं आगामी विधानसभा चुनाव 2022 भाजपा के लिए कैसा रहेगा इस सवाल पर भी उन्होंने कहा कि भारतीय जतना पार्टी पिछली बार 325 सीटें जीत कर सत्ता में आई थी, इस बार भाजपा अकेले 300 से ज्यादा सीटें जीतेगी. वहीं उन्होंने गठबंधन के साथ 325 से ज्यादा सीटें जीतेने का दावा किया. उन्होंने कहा कि भाजपा 'सेवा ही संगठन है' के मंत्र पर काम करती है. कोरोना के दौर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा हमने लोगों की सेवा नहीं छोड़ी.
मुख्यमंत्री जी कोरोना पॉजिटिव हो गए, लेकिन काम करते रहे. पार्टी ने छह विधायक और तीन मंत्री कोरोना से खोए हैं. वहीं उन्होंने सवालिया लहजे में अपना जबाब देते हुए कहा कि इन सब लोगों को कोरोना क्यों हुआ? क्योंकि यह सभी लोग जनता की मदद में लगे रहे, जबकि सपा, बसपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की भी कोई मदद नहीं कर रहा था. हमारे कार्यकर्ताओं ने उनकी भी मदद की. सपा, बसपा और कांग्रेस के किसी बड़े नेता को कोरोना क्यों नहीं हुआ? क्योंकि वह घरों से बाहर नहीं निकले.
देश को नंबर एक पर ले जाना है