लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 2022 के आरंभ में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. राष्ट्रीय दल होने के बावजूद कांग्रेस (Congress) पार्टी तीन दशक से भी ज्यादा समय से प्रदेश में सत्ता से दूर है. हाल यह है कि यह पार्टी अपने गौरवशाली इतिहास के बावजूद प्रदेश की राजनीति में हाशिए पर है. पंचायत चुनावों (panchayat election) में पार्टी सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के संसदीय क्षेत्र में भी अपना जिला पंचायत अध्यक्ष (Zila Panchayat adhyaksh)नहीं बना सकी. इतनी विषमताओं के बावजूद इस पार्टी में एक ऐसा नेता है, जिसने लगातार नौ बार विधानसभा चुनाव जीत कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया. प्रदेश की रामपुर खास विधानसभा सीट से लगातार नौ बार विधानसभा चुनाव जीतने वाले दिग्गज नेता का नाम है प्रमोद तिवारी(pramod tiwari). 1980 से प्रमोद तिवारी ने इस सीट से अपना राजनीतिक सफर आरंभ किया था. अब इसी सीट से प्रमोद तिवारी(Pramod Tiwari) की बेटी आराधना मिश्रा 'मोना' कांग्रेस (Congress) की विधायक हैं. कांग्रेस पार्टी(Congress party) की भावी चुनावों में तैयारियों और पार्टी में नेतृत्व संकट आदि विषयों पर हमने प्रमोद तिवारी से विस्तृत बात की.
प्रश्न: आपका लंबा संसदीय अनुभव रहा है. इस चुनाव में कांग्रेस की क्या तैयारी है?
उत्तर: लगभग चार दशक तक मैंने सभी सरकारें देखीं. कांग्रेस की सरकार में मैं मंत्री भी रहा. मैंने मायावती, कल्याण, मुलायम सिंह और अखिलेश आदि की सरकारें देखी हैं. जिसके बाद मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि वर्तमान की सरकार एक दूसरी दुनिया में रह रही है. इस सरकार का जनता से कोई सीधा संवाद नहीं है. मैं अपने कार्यकाल में इतनी अलोकप्रिय, असफल, संवादहीनता वाली सरकार उत्तर प्रदेश में नहीं देखी. इन्हें नहीं पता कि प्रदेश में क्या हो रहा है.
प्रश्न:तो फिर क्या कारण है कि उत्तर प्रदेश की जनता उन्हीं लोगों को लगातार चुन रही है, जिन्हें आप असफल कह रहे हैं और कांग्रेस तीन दशकों से भी ज्यादा समय से सत्ता से बाहर है?
उत्तर: कांग्रेस सत्ता से बाहर कब गई, जब 1987 से जब मंदिर-मस्जिद मसला परवान चढ़ने लगा और 89 में वह उभर कर सामने आया. कांग्रेस पार्टी संविधान और देश की एकता और अखंडता में विश्वास रखती है. हम हिंदू-मुसलमान को साथ लेकर चलने की बात करते हैं. इससे समाज दो टुकड़ों में बंट गया. फिर मायावती जी आईं. उन्होंने अनुसूचित जाति को समाज से बिल्कुल अलग कर दिया. तीनों के अपने-अपने सपने थे, पर अति बुरी होती है. मंदिर मामले में फैसला आने के बाद भाजपा परेशान है. अब स्थिति बदलने वाली है.
प्रश्न:लेकिन आपकी इस बात में एक विरोधाभास है. आप लगातार नौ बार विधायक रहे हैं. आप इसलिए जीते क्योंकि आपने विकास का एक रोल मॉडल पेश किया. आपने अच्छा काम करके जीतने की मिसाल पेश की. अब आपकी बेटी रामपुर खास विधान सभा सीट से विधायक है. जब कांग्रेस दुर्गति को प्राप्त है फिर भी आप लगातार वहां से जीत रहे हैं. यदि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की बात मान ली जाए, तो रामपुर खास की जनता क्यों नहीं बटी?
उत्तर: देखिए, मैं नहीं कहता कि उत्तर प्रदेश में जो हवा चलती है वह रामपुर खास नहीं पहुंचती. हालांकि वहां के विकास से यह हवाएं टकराकर लौट जाती हैं,मंदिर-मस्जिद से प्रभावित मैं भी हुआ. मेरी वोटों का आंकड़ा अगर देखें तो राम मंदिर आंदोलन के दौरान काफी कम हुआ. कांग्रेस सबको लेकर चलती है. आज बसपा दौड़ से बाहर हो गई है. लोगों को लगता है कि उन्हें कई बार छला गया. बाकी दलों का भी भेद खुल चुका है.
प्रश्न:आप इसी बात से खुश हैं कि भाजपा हार गई? आप इससे दुखी नहीं हैं कि कांग्रेस का नामोनिशान नहीं बचा हालिया पंचायत चुनावों में?
उत्तर:अब जनता के सामने विकल्प हैं. जनता अब कांग्रेस की ओर देख रही है. जनता अब प्रियंका गांधी की ओर देख रही है. मैं यह मानता हूं कि आने वाले दिनों में कांग्रेस भाजपा के विकल्प के रूप में तेजी से उभरेगी.
प्रश्न: आपको ऐसा नहीं लगता कि कांग्रेस लंबे समय तक शासन करने के बाद भी लोगों को विकास की राजनीति के विषय में नहीं समझा पाई, इसीलिए सत्ता से बाहर है?
उत्तर:बिल्कुल ठीक. हम अपनी उपलब्धियां, अपनी सकारात्मकता जनता को नहीं बता पाए, पर अब समझा रहे हैं. भ्रष्टाचार की बात करने वाली भाजपा ने इसमें कीर्तिमान गढ़े हैं. थानों के रेट दोगुने-तिगुने हो गए हैं. जब सबको लेकर चलने का मन जनता बना लेगी, तो कांग्रेस का आना तय है.
प्रश्न: लेकिन आप यह तो मानेंगे कि कांग्रेस में नेतृत्व का संकट तो है. चाहें वह प्रदेश में हो या केंद्र में?
उत्तर:पहले था, लेकिन प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के जनरल सेक्रेटरी इंचार्ज बन जाने के बाद अब नहीं है. जनता जब देखेगी एक ओर बेदाग और इंदिरा गांधी की छवि दिखाई देने वाली नेता और दूसरी ओर योगी जी की मार-काट, सपा की अराजकता और बसपा का बिकाऊपन, तो कांग्रेस को ही चुनेगी.
प्रश्न:लोगों को लगता है कि प्रियंका दिल्ली से आई हैं और दिल्ली चली जाएंगी. उत्तर प्रदेश का नेता कहां है कांग्रेस के पास?
उत्तर:इस प्रश्न का समाधान हो गया है. प्रियंका जी का नेतृत्व होगा और हम सब अपनी-अपनी क्षमता से योगदान करेंगे. दूसरी बात अब वह जाएंगी नहीं. वह किसी होटल में आकर नहीं रुक रहीं. अब उनका अपना, जो पहले कौल निवास था, यही स्थाई निवास स्थान हो गया है. वहीं से दिल्ली आया-जाया करेंगी. दिल्ली से यहां आया-जाया नहीं करेंगी. इसमें फर्क है. वह अब लखनऊ में ही रहेंगी.