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सत्ता में आए तो मुफ्त बिजली व सस्ता पेट्रोल देंगे: अभिषेक मिश्रा

विधानसभा चुनाव (Assembly election) को लेकर प्रदेश में राजनीति का माहौल गर्म हो गया है. सभी पार्टियां जातिवाद का कार्ड खेल रही हैं. सपा पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा (sp leader abhishek mishra) समाजवादी पार्टी (samajwadi party) का ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं. उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से बिजनेस पॉलिसी विषय में पीएचडी की है. ईटीवी भारत की टीम ने उनसे खास बातचीत कर आगामी चुनाव की तैयारियों के बारे में जानने की कोशिश की. सुनें...

सपा नेता और पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा.
सपा नेता और पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा.

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Published : Aug 25, 2021, 2:42 PM IST

Updated : Aug 25, 2021, 2:55 PM IST

लखनऊ:विधानसभा चुनावों (Assembly election) को लेकर प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी में भी बैठकों और सम्मेलनों का दौर तेज हो गया है. समाजवादी पार्टी (samajwadi party) की तैयारियों के विषय में हमने बात की पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा (sp leader abhishek mishra) से. पार्टी का ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले अभिषेक मिश्रा आईआईएम अहमदाबाद में विजिटिंग प्रोफेसर रहे हैं. उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से बिजनेस पॉलिसी विषय में पीएचडी की है. अभिषेक मिश्रा के पिता जयशंकर मिश्रा वरिष्ठ आईएएस रहे हैं. पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश...

प्रश्न- 22 में बाइसिकल के नारे को कैसे सार्थक करने वाले हैं? क्या प्लान है आपका?
उत्तर- समाजवादी पार्टी हर उस जगह पहुंचना चाहती है, जहां कोई दुखी है. हमेशा से समाजवादी पार्टी लोगों से जुड़कर राजनीति करती है. जब सरकार थी जब भी संगठन के माध्यम से लोगों की आवाज सुनी और आज भी हम लोगों के बीच रहकर काम कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी अकेली पार्टी है, जिसने लोगों की आवाज उठाई है. उत्तर प्रदेश के हक की लड़ाई लड़ी है.

प्रश्न- पिछले दो साल से कोरोना का कहर रहा. भाजपा कहती है कि उसने बड़े अच्छे काम किए. आप क्या मानते हैं?
उत्तर- कोरोना काल में एक दिन में सवा करोड़ नौकरियां देने का दावा किया सरकार ने. आप पता कर लें यदि किसी को अप्वाइंटमेंट लेटर मिला हो. यह इनके काम की सच्चाई है. इन्होंने एक वीडियो शेयर किया था मुख्यमंत्री के अकाउंट से, जिसमें लेखपाल भर्ती की चर्चा थी. बाद में पता चला जो लेखपाल भर्ती हुए थे वह समाजवादी पार्टी की सरकार के थे. बाद में मुख्यमंत्री जी को वह वीडियो डिलीट कराना पड़ा. इन्होंने शहर में एक काम नहीं किया.

सपा नेता और पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा.

प्रश्न- भाजपा कहती है कि कोरोना काल में उसके छह विधायकों की मौत हुई, जिनमें तीन मंत्री थे. उनका दावा है कि मौतें इसलिए हुईं क्योंकि भाजपा के लोगों ने कोरोना काल में भी लोगों के बीच में जाकर काम किया, लेकिन समाजवादी पार्टी के लोग बाहर नहीं निकले?
उत्तर- प्रदेश में कितनी मौतें हुईं यह तो आप अगर गांव में जाकर पूछ लोगे तो सच्चाई सामने आ जाएगी. गांवों में ऑक्सीजन, दवा, डॉक्टर सभी चीजों की कमी थी और लाखों लोगों की मौतें हुईं. लोगों को अपने खेतों में अंतिम संस्कार करने पड़े. भाजपा के लोग निकलें तो गांवों में. यह ट्विटर से बाहर तो निकलें. मीडिया की मदद से कंधे से बंदूक चलाना छोड़ें. जनता के बीच जाएं तो इन्हें अपनी सच्चाई आज समझ में आ जाएगी. कोविड की नई वेव तैयार हो रही है. इसके लिए भी कुछ नहीं कर रहे हैं यह.

प्रश्न- सभी पार्टियां जातीय या ब्राह्मण सम्मेलन करा रही हैं. आपकी पार्टी भी इसमें शामिल है. क्या यह चुनाव भी जातियों के मुद्दे पर होगा या विकास मुद्दा रहेगा?
उत्तर- हर पार्टी को अधिकार है अपने नेता की नीतियां, पार्टी का कार्यक्रम, पार्टी के पुराने किए हुए काम, आगे आने वाले वक्त में हमारा जो एजेंडा है उसको लेकर लोगों के बीच जाएं. हम जनता के बीच महंगाई कम करने का मुद्दा लेकर जा रहे हैं. बिजली की यूनिट्स मुफ्त देने पर काम करेंगे. पेट्रोल सस्ता करने पर काम करेंगे. हम सच बोलकर नौकरियां देने का काम करेंगे. बिजली, सड़क, पानी पर काम करेंगे. इन नीतियों को लेकर हम लोगों के बीच जा रहे हैं. हम सरकार बनाने जा रहे हैं 2022 में.

प्रश्न- अभी कल्याण सिंह का निधन हुआ. इसके बाद भाजपा से सवाल उठने लगे कि समाजवादी पार्टी का कोई नेता नहीं पहुंचा. क्या इस तरह की राजनीति होनी चाहिए.
उत्तर- आपके सवाल में ही इसका जवाब है. बस मैं इतना ही करना चाहूंगा.

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Last Updated : Aug 25, 2021, 2:55 PM IST

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