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श्रमिकों के मुद्दे पर योगी सरकार कर रही राजनीति: रामगोविंद चौधरी

नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने सरकार के कामकाज को लेकर सवाल उठाए. साथ ही कहा कि श्रमिकों के मुद्दे पर योगी सरकार राजनीति कर रही है.

उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी
उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी

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Published : May 29, 2020, 5:19 PM IST

Updated : May 29, 2020, 7:03 PM IST

लखनऊ: कोरोना काल में योगी सरकार श्रमिकों को सकुशल घर पहुंचाने और रोजगार देने के दावे कर रही है, लेकिन सरकार के इन दावों को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी झूठ का पुलिंदा बताया है. चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कहा कि योगी सरकार केवल ढोल पीट रही है. सही मायने में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और सपा कार्यकर्ता लोगों की मदद कर रहे हैं.

नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.

ईटीवी भारत से रामगोविंद चौधरी ने कांग्रेस और योगी सरकार के बीच बसों को लेकर हुई तकरार, कोरोना काल में मायावती की भूमिका से लेकर शिवपाल यादव की विधानसभा सदस्यता समाप्त किए जाने को लेकर दाखिल याचिका वापस लिए जाने पर भी सवाल किया गया.

सरकार कर रही दिखावा

नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी से योगी सरकार के कार्यों से संतुष्टि के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सरकार ने काम तो किया है, लेकिन उसका फल कहीं नहीं दिखाई पड़ रहा. योगी सरकार दावे बहुत कर रही है. धरातल पर उनके कार्यों का दिखाई न देना दुखद है, अभी श्रमिक आ ही रहे हैं. ठीक से सभी श्रमिक अपने घरों तक भी नहीं पहुंच पाये हैं. तमाम समस्याओं से जूझ रहे हैं. यह लोग (भाजपाई) दावा करना शुरू कर दिए हैं कि इतने श्रमिकों को रोजगार दे दिया गया है.

मनरेगा में जो मजदूर काम कर रहे हैं, वह पहले से ही कर रहे हैं. अलग से यह कहां से मनरेगा के तहत रोजगार दे दे रहे हैं. न्यूज चैनल और अखबार सरकार की पूरी बात दिखा रहे हैं, पढ़ा रहे हैं. विपक्ष की बात को नजरअंदाज किया जा रहा है. इसलिए जनता समझ रही है कि योगी सरकार बहुत काम कर रही है. सच्चाई यह है कि काम कहीं नहीं हो रहा है.

चौधरी ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (अखिलेश यादव) परिवारों की आर्थिक मदद कर रहे हैं, जिनके साथ कोई घटना या दुर्घटना हुई हो. हमारी पार्टी ऐसे मामलों में आगे रहती है.

'जमात के लोगों को बदनाम किया गया'

सत्ता पक्ष द्वारा विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाए जाने पर चौधरी ने साफ कहा कि वास्तव में राजनीति भारतीय जनता पार्टी कर रही है. वह कोरोना से नहीं लड़ रही है. कोरोना वायरस से लड़ाई सत्ताधारी दल का दिखावे का है. सबसे पहले कोरोना वायरस आने पर हिंदू मुस्लिम किया गया. यह भारतीय जनता पार्टी की पुरानी आदत है, जिस पर यह वोट लेते हैं. कोरोना फैलाने के लिए जमात के लोगों को दोषी कहा गया. मैं मीडिया के माध्यम से सरकार से पूछना चाहता हूं कि जमात के लोग कितने पॉजिटिव पाए गए हैं. गैर जमाती कितने पॉजिटिव पाए गए हैं. इसकी गणना सरकार सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही है. चौधरी कहते हैं कि वोट की राजनीति के लिए जमात के लोगों को केवल बदनाम किया गया है.

लॉकडाउन के दौरान 400 लोगों पर एफआईआर हो चुकी है, लेकिन समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता गरीब, बेबस, लाचार, किसान मजदूर, छात्र, नौजवान की राजनीति करता है. चाहे कितनी भी एफआईआर क्यों न हो, जेल क्यों न भेज दिया जाए. हम गरीबों को राशन देना बंद नहीं करेंगे.

'बड़े मुद्दों पर मेरे राष्ट्रीय अध्यक्ष बोलेंगे'

चौधरी से जब मायावती की भूमिका से लेकर कांग्रेस और योगी सरकार के बीच बसों को लेकर तकरार पर सवाल किया गया तो उन्होंने धीरे से किनारा कर लिया. उन्होंने कहा कि मायावती जी बड़ी नेता है. अपनी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. बस वाला मुद्दा भी राष्ट्रीय हो गया. इन विषयों पर सपा के अध्यक्ष ही बोलेंगे. चौधरी ने शिवपाल यादव की सदस्यता समाप्त किए जाने को लेकर दाखिल याचिका वापस लिए जाने के सवाल से भी किनारा किया और कहा इस विषय पर भी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ही बोलेंगे.

Last Updated : May 29, 2020, 7:03 PM IST

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