लखनऊः यूपी में 2022 में होने वाली विधानसभा चुनाव के लिए सरगर्मियां तेज हो गई हैं. बड़ी पार्टियां जहां छोटे दलों से गठबंधन के लिए आतुर हैं, वहीं छोटे दल भी अपने लिए कंफर्टेबल जोन की तलाश कर रहे हैं. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने जनभागीदारी संकल्प मोर्चे का गठन किया है. इस मोर्चे में कई पार्टियां शामिल भी हो रही हैं. भीम आर्मी के संस्थापक और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद भी ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात कर चुके हैं. इस राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में ईटीवी भारत ने चंद्रशेखर आजाद से बात की.
सवाल: ओमप्रकाश राजभर से आपकी मुलाकात हुई है, किससे गठबंधन करेंगे ?
जवाब: बातचीत करना कोई अपराध नहीं. उत्तर प्रदेश में बोलना अपराध जरूर है, यह मुख्यमंत्री ने साबित कर दिया है. वे खुद तो नहीं बोलते हैं. चाहे मीडिया के लोग सवाल पूछे या जनता, मुख्यमंत्री भाग जाते हैं. जो मुख्यमंत्री जनता का सामना नहीं कर पा रहा है तो प्रदेश में कैसी सरकार चल रही होगी. मुझे ये कहने में कोई गुरेज नहीं है कि उत्तर प्रदेश में जनता की बदहाली हुई है. कहते हैं कि उस प्रदेश की खुशहाली या बदहाली के लिए जिम्मेदार उसके नेता होते हैं. उत्तर प्रदेश में लाशें तैर रही हैं. मरे इंसान बोल रहे हैं, लेकिन जिंदा इंसानों को चुप किया जा रहा है. कोरोना काल में महंगाई बढ़ रही है. सरकार का नारा सबका साथ सबका विकास पूरी तरह झूठा है. सच है सबका साथ, सबका विनाश. गरीब, पिछड़े, आदिवासी मुसलमानों का विनाश. इनको इतना बेबस कर देना कि ये रोजी-रोटी के मोहताज हो जाएं.
सवाल: किसके साथ कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे?
जवाब: सवाल आपका पुराना है, लेकिन यह सवाल लंबा चलने वाला है. यह कोई चोरी की चीज नहीं है. उत्तर प्रदेश तय करता है कि सेंट्रल में किसकी सरकार बनेगी ?. इस सूबे की सीटें हटा दी जाएं तो कोई मतलब नहीं बनता. सवाल बड़ा है, लेकिन मुद्दे का सवाल है. भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए जो मुद्दे हमारे हैं, उन मुद्दों के साथ कई दलों से सकारात्मक बात चल रही है. सारे मोर्चों का संकल्प है कि सरकार बनाएं. अब कौन सा मोर्चा सरकार बनाएगा, यह भविष्य बताएगा. हमारा मोर्चा आगे बढ़ रहा है. हमारी सबसे बात चल रही है. सिर्फ उन्हें छोड़कर, जिन्होंने इस प्रदेश का बेड़ा गर्क किया है.