लखनऊ:बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉक्टर सतीश चंद्र द्विवेदी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत के सभी प्रश्नों का खुलकर जवाब दिया.
लॉकडाउन के पहले से चल रही थी तैयारी
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने लॉकडाउन में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के बारे में प्रश्न पूछे जाने पर कहा कि, 'जब यह कोरोना का संकट नहीं था और हम लोगों को पता भी नहीं था कि ऐसा कुछ होने वाला है, उसके पहले से ही हम पिछले कई महीनों से अपने विभाग को डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने का पूरा प्रयास कर रहे थे, क्योंकि हमारे पास व्यवस्थित डेटा नहीं था कि किन स्कूलों में कितने शिक्षक हैं, उनका बायोडाटा क्या है, कितने बच्चे हैं. अलग-अलग सोशल कैटेगरी के कितने हैं तो ये सारी चीजें हम पहले से एक्सरसाइज कर रहे थे.
दीक्षा पोर्टल के माध्यम से टीचर्स को उपलब्ध कराए वीडियो
डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि, 'हम मानव सम्पदा पोर्टल का इस्तेमाल कर अपने सारे शिक्षकों और छात्रों का डेटा कलेक्ट कर रहे थे. हम प्रेरणा ऐप का प्रयोग करते हुए टीचर्स का जो लीव एप्लीकेशन होता है, उसे ऑनलाइन एक्सरसाइज कर रहे थे. हम दीक्षा पोर्टल का इस्तेमाल कर अपने टीचर्स को विभिन्न विषयों के वीडियो उपलब्ध करा रहे थे, जिसमें वो क्यू आर कोड को स्कैन कर पूरे चैप्टर को देख सकते थे कि उसे बेहतर तरीके से कैसे पढ़ाया जा सकता है. इसकी सहायता तब मिली, जब यह संकट आया.'
वाट्सऐप ग्रुप का मिला फायदा
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने बताया कि, 'एक अप्रैल से 20 मई तक जो हमारे स्कूल बंद हो रहे थे, उसका नुकसान हो रहा था. हमारे बच्चे कोरोना के तनाव से गुजर रहे थे. इसके लिए हमने गूगल के विभन्न ऐप दीक्षा पोर्टल, टिक टॉक लर्न और मैथ मस्ती जैसे अनेक सारे माध्यमों का इस्तेमाल किया. इन सबमें ज्यादा प्रभावी रहा वाट्सऐप ग्रुप. हमारे हर ब्लॉक के वाट्सऐप ग्रुप पहले से बने हुए थे. हमारे ब्लॉक में जो ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर होता है, वो सारे टीचरों को वाट्सऐप के माध्यम से जोड़े रहता है. वो सब चीजें पहले से थीं तो उसी प्लेटफार्म का हमने थोड़ा और विस्तार किया. टीचर्स ने अभिभावकों को उनके वाट्सऐप ग्रुप से जोड़ा और बच्चों को होमवर्क भेजना शुरू किया. इस माध्यम से हमने बहुत सारी पठन-पाठन में होने वाली क्षति की पूर्ति की है.
69 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रकिया पर क्या बोले राज्यमंत्री
69 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया मामले को शिक्षामित्रों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पर डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि, 'कोई भी पक्ष उच्च न्यायालय के फैसले से संतुष्ट नहीं होता है तो सर्वोच्च न्यायालय में जा सकता है. सरकार ने भी सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि जब भी सुनवाई हो तो सरकार का भी पक्ष सुना जाए.'