लखनऊः उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 25 सितम्बर 2016 को आबकारी सिपाही परीक्षा कराई गई थी. इस परीक्षा के दूसरे सत्र के पेपर लीक मामले में वादी आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की ओर से प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है. दरअसल पिछले दिनों इस मामले की जांच कर रही सीबीसीआईडी ने मामले में अंतिम रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करते हुए, विवेचना को समाप्त कर दिया था. वादी की ओर से प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र के माध्यम से उक्त अंतिम रिपोर्ट को चुनौती दी गई है.
लखनऊः आबकारी सिपाही परीक्षा पर्चा लीक मामले में अंतिम रिपोर्ट को चुनौती - lucknow latest news
UPSSSC द्वारा 2016 में कराई गई आबकारी सिपाही भर्ती मामले में चुनौती दी गई है. मामले में विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (कस्टम), लखनऊ सुदेश कुमार प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र पर 20 दिसंबर 2019 को सुनवाई करेंगे.
विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (कस्टम), लखनऊ सुदेश कुमार ने प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए 20 दिसंबर 2019 की तिथि नियत की है. वादी ने अपनी शिकायत में कहा था, कि आबकारी सिपाही परीक्षा के रविवार दूसरे सत्र की परीक्षा का पेपर परीक्षा शुरू होने से पहले ही लीक हो गया था और एक व्यक्ति को 12.51 बजे ही व्हाट्सएप पर पेपर और उसका उत्तर मिल गया था.
जबकि सीबीसीआईडी ने अपनी विवेचना के बाद भेजे अंतिम रिपोर्ट में कहा कि विवेचना में प्राप्त साक्ष्यों से पेपर लीक होने की पुष्टि नहीं हो सकी और न ही घटना में संलिप्त लोगों की जानकारी हो सकी. सीबीसीआईडी ने इन टिप्पणियों के साथ मामले को बंद कर दिया था. वादी ने प्रोटेस्ट प्रार्थनापत्र में कहा है कि सीबीसीआईडी की विवेचना गलत है. प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि तीन व्यक्ति लक्ष्मीकांत सिंह, भारत यादव और बृजेश यादव ने अपने मोबाइल में परीक्षा के पूर्व प्रश्न पत्र का आना स्वीकार किया. इसके बाद भी सीबीसीआईडी ने इन साक्ष्यों को दरकिनार करते हुए अंतिम रिपोर्ट भेजी, जो बुनियादी स्तर पर गलत है.