लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी में लखनऊ महापौर का टिकट सुषमा खरकवाल को मिला और निवर्तमान महापौर संयुक्ता भाटिया का टिकट कट गया. नतीजा यह हुआ कि बगावत के सुर बुलंद हो गए. निवर्तमान महापौर संयुक्ता भाटिया बीमार हो गई हैं. उनको हार्ट अटैक की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन उनके बेटे प्रशांत भाटिया ने इस बात से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि माताजी की तबीयत कुछ खराब हुई थी, लेकिन अब एकदम ठीक हैं. दूसरी ओर मेयर पद की प्रत्याशी सुषमा खरकवाल ने संयुक्ता भाटिया से मुलाकात करके उनका हालचाल लिया.
संयुक्ता भाटिया की तबीयत बिगड़ी, सुषमा खरकवाल ने मुलाक़ात कर जाना हाल
राजधानी में निवर्तमान महापौर संयुक्ता भाटिया की तबियत बिगड़ गई है. जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी की ओर से मेयर पद की प्रत्याशी सुषमा खरकवाल ने संयुक्ता भाटिया से मुलाकात की.
संयुक्ता भाटिया के पुत्र प्रशांत भाटिया ने बताया कि 'माताजी की तबीयत में कुछ दिक्कत आई थी, लेकिन हार्टअटैक जैसा कुछ भी नहीं है. उनकी तबीयत अब पूरी तरह से ठीक है. कोई समस्या नहीं है. दिल का दौरा उनको नहीं पड़ा था.' सुषमा खरकवाल ने अस्पताल पहुंचकर संयुक्ता भाटिया से मुलाकात की. लखनऊ में महापौर पद पर अनेक उम्मीदवार भारतीय जनता पार्टी का टिकट चाहते थे. निवर्तमान महापौर संयुक्ता भाटिया भी उनमें से ही थीं.
इससे पहले बीजेपी से टिकट कटने और टिकट न मिलने से नाराज दावेदारों ने सोमवार को बगावत कर दी है. निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र भर दिया. मैथिलीशरण गुप्ता वार्ड से बीजेपी टिकट पर पिछला चुनाव जीतने वाले दिलीप कुमार श्रीवास्तव और लेबर कॉलोनी वार्ड से पार्षदी जीतने वाले बीजेपी नेता राजेश कुमार मालवीय ने मानमनौव्वल की कोशिशों को दरकिनार करते हुए नामांकन कर दिया. वहीं, सरोजनीनगर 2 से टिकट न मिलने से नाराज बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के सदस्य सुरेंद्र रावत ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन कर दिया. उनका आरोप है कि यह सीट एससी के लिए आरक्षित होने पर उन्हें टिकट देने के बजाय दूसरे वार्ड के प्रत्याशी को यहां लाकर टिकट दे दिया गया. वहीं, मल्लाही टोला प्रथम से टिकट न मिलने पर अनुराग पांडेय ने भी निर्दलीय मैदान में उतर आए हैं. बता दें कि अनुराग पांडेय की माता गीता पांडेय यहां से पार्षद थीं, उन्होंने चुनाव सपा से जीता था मगर बाद में अनुराग और गीता दोनों ही भाजपा में शामिल हो गए थे. सामान्य सीट होने की दशा में इस बार गीता पांडेय की जगह उनके बेटे अनुराग पांडेय का दावा टिकट पर मजबूत था, लेकिन टिकट कटने के बाद अनुराग पांडेय ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर आवेदन कर दिया है.
यह भी पढ़ें : सिलिंडर फटने से मकान जमींदोज, दो भाई झुलसे, एक की हालत गंभीर