लखनऊ : राजधानी लखनऊ में हर मिनट एक वाहन चालक ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है. ये तब है जब यूपी में यातायात माह चलाया जा रहा है और सड़कों पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की भारी फौज तैनात है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राजधानी की सड़कों के बिगड़ैल कानून व पुलिस से खौफजदा नहीं है या फिर सिर्फ चालान कटने और वसूली के लिए किसी भी प्रकार की सख्ती न होने से लोगों के अंदर डर बैठ नहीं पा रहा है.
नुक्कड़ नाटक, जागरूकता अभियान चला सतर्क कर रही पुलिस : राजधानी लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में 1 नवंबर को यातायात माह की शुरुआत की गई. इस दौरान हर रोज ट्रैफिक विभाग के अधिकारी और कर्मी अलग अलग चौराहों, स्कूलों, व्यावसायिक स्थलों में जाकर लोगों से ट्रैफिक नियमों के पालन करने को लेकर वर्कशॉप कर रही है. इसके अलावा नुक्कड़ नाटकों और जागरूकता कार्यक्रम चला लोगों से ट्रैफिक नियमों को पालन करने के लिए अपील कर रहे हैं. बावजूद इसके सड़कों पर नियमों को धता बताने वाले बिगड़ैल मानने को तैयार नहीं है. हर मिनट एक वाहन चालक सड़क पर ट्रैफिक नियम तोड़ देता है. जिसकी गवाही रोजाना होने वाले ट्रैफिक चालान देते है, जो रोजाना सैकड़ों की संख्या में हो रहे हैं.
जानिए क्यों नहीं है लोगों को चालान होने का डर | |
|
|
हेलमेट व सीट बेल्ट लगाते नहीं लखनऊ के लोग :एक नवंबर से यातायात माह की शुरुआत हुई. जिसमें ट्रैफिक व नागरिक पुलिस लोगों को यातायात नियमों को पालन करने के लिए अपील करने वाली थी. एक माह तक चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य लोगों को ट्रैफिक नियमों के बारे में बताना और उसे पालन करने के लिए तैयार करना है, लेकिन कुछ ऐसे है जिन्हें इस अभियान से फिलहाल कुछ भी लेना देना नहीं है. लिहाजा हेलमेट न लगा कर चलना, बाइक पर तीन सवारी बैठ कर फर्राटा भरना, कार सवारों का सीट बेल्ट न लगाना, रोंग साइड से निकल कर शॉर्टकट मारना और कहीं भी गाड़ी खड़ी कर देना जैसे नियमों को तोड़े जा रहे हैं.