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UPPCL पीएफ घोटालाः ईओडब्ल्यू ने ट्रस्ट सचिव के बेटे अभिनव से की पूछताछ, फर्जी कंपनियों में करोड़ों के निवेश की आशंका

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Published : Nov 13, 2019, 12:20 PM IST

Updated : Nov 13, 2019, 12:54 PM IST

उत्तर प्रदेश के यूपीपीसीएल में कर्मचारी भविष्य निधि घोटाले की परत-दर-परत खुल रही है. ईओडब्ल्यू ने ट्रस्ट सचिव के पुत्र अभिनव गुप्ता से पूछताछ की. अभिनव पर आरोप है कि उसने फंड को डीएचएफएल में इंवेस्ट करने में अहम भूमिका निभाई है.

ईओडब्ल्यू के शिकंजे में अभिनव, कई घंटों तक चली पूछताछ

लखनऊः उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन में कर्मचारियों के भविष्य निधि घोटाले की जांच पूरा करने के लिए ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) की टीम तेजी से काम कर रही है. टीम ने सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता के बेटे अभिनव गुप्ता से पूछताछ की. घोटाला उजागर होने के बाद से ही ईओडब्ल्यू को अभिनव गुप्ता की तलाश थी.

ईओडब्ल्यू के शिकंजे में अभिनव, कई घंटों तक चली पूछताछ

टीम को मिले अहम सुराग

ईओडब्ल्यू ने अभिनव गुप्ता के खिलाफ नोटिस जारी किया था और लगातार शिकंजा कस रही थी. बढ़ते दबाव पर अभिनव सोमवार को ईओडब्ल्यू कार्यालय पहुंचा. उससे मंगलवार देर रात तक पूछताछ जारी रही. इस दौरान ईओडब्ल्यू टीम ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) में यूपीपीसीएल कर्मचारियों के भविष्य निधि के पैसे के निवेश को लेकर जानकारी जुटाई. टीम को घोटाले से जुड़े कई अहम सुराग मिले हैं.

बताया जा रहा है कि ईओडब्ल्यू को अब तक की जांच में ये संकेत मिले हैं कि तात्कालिक सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता के पुत्र अभिनव गुप्ता ने यूपीपीसीएल भविष्य निधि फंड को डीएचएफएल में इन्वेस्ट कराने में बड़ा योगदान दिया. अभिनव ने यूपीपीसीएल भविष्य निधि ट्रस्ट और एचडीएफएल के बीच में मेडिएटर की भूमिका अदा की. उसने पैसे को एचडीएफएल में निवेश करने के लिए प्रयोग की गई निजी फर्मों को जुटाने में भी सहयोग किया.

मंगलवार को देर रात तक पूछताछ

ईओडब्ल्यू की टीम ने मंगलवार को तात्कालिक एमडी एपी मिश्रा से जुड़े लोगों को सिग्नेचर बिल्डिंग स्थित कार्यालय बुलाकर पूछताछ की. ईओडब्ल्यू की जानकारी के अनुसार एपी मिश्रा के सहयोगियों से पूछताछ में कई बिंदु निकल के सामने आए हैं, जो जांच में सहायक होंगे.

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन में कर्मचारियों के भविष्य निधि के 22 सौ करोड़ रुपए को दीवान हाउसिंग फाइनेंस में नियम विरुद्ध निवेश करने का मामला उजागर हुआ. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में सीबीआई से जांच कराने की संस्तुति दी. सीबीआई द्वारा जांच शुरू करने में देरी है, तब तक इस इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई है. ईओडब्लू ने इस मामले में अब तक 4 लोगों की गिरफ्तारी की है. इसमें तात्कालिक एमडी एपी मिश्रा, तात्कालिक सचिव वित्त सुधांशु द्विवेदी, तात्कालिक सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता और तात्कालिक चेयरमैन संजय अग्रवाल शामिल हैं.

ये भी पढ़ेः- UPPCL में PF घोटाला: सीबीआई जांच रोकने में जुटी आईएएस अधिकारियों की लॉबी

ईओडब्ल्यू ने पिछले दिनों एपी मिश्रा और सुधांशु द्विवेदी के लखनऊ स्थित आवास पर छापेमारी की थी. यहां से मोबाइल व लैपटॉप बरामद किए गए थे. एपी मिश्रा के घर से पर्सनल डायरी भी जब्त की थी. ईओडब्ल्यू टीम को उम्मीद है कि इस डायरी से घोटाले से जुड़े कई अन्य लोगों के नाम भी उजागर हो सकते हैं.

अब तक की जांच में कुछ अहम खुलासे हुए हैं. पहला यूपीपीसीएल के कर्मचारियों के भविष्य निधि के पैसे को डीएचएफएल में निवेश करने के लिए कई निजी फर्मों का सहारा लिया गया. दूसरा जिन निजी फर्म फर्मो ने भविष्य निधि के पैसे को डीएचएफएल में निवेश करने में भूमिका अदा की, उनमें से कई फर्म फर्जी हो सकती हैं.

Last Updated : Nov 13, 2019, 12:54 PM IST

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