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यूपी निकाय चुनाव में ईसाई समाज की भूमिका होगी अहम, जानिए क्यों हो रही बात - भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा

यूपी निकाय चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी अपनी जुगत लगा रहे हैं. इसी कड़ी में पसमांदा मुसलमान समाज को जोड़ने के बाद भाजपा ने लखनऊ के ईसाई समुदाय को भी जोड़ने की नीयत से दांव चला है. इसकी जिम्मेदारी भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चे के उपाध्यक्ष राकेश कुमार छत्री को सौंपी गई है.

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Published : Apr 25, 2023, 10:50 PM IST

यूपी निकाय चुनाव में ईसाई समाज की भूमिका भी होगी अहम, जानिए क्यों हो रही बात.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अगले महीने होने वाले निकाय चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. एक तरफ जहां भाजपा पिछले काफी वक्त से पसमांदा मुसलमानों पर डोरे डाल रही है तो वहीं बसपा ने एक कदम आगे निकलकर सबसे ज़्यादा मुस्लिम प्रत्यशियों को मैदान में उतार दिया है. हालांकि अल्पसंख्यक वर्ग से आने वाला ईसाई समाज भी अब धीरे धीरे अपनी सियासी बिसात बिछाने लगा है. यूपी में लगभग 5 लाख से ज़्यादा ईसाई वोटर और 7 से 8 लाख ईसाई समुदाय के लोग निवास कर रहे हैं. भाजपा ने उनको भी अपने पाले में लाने का रोड मैप तैयार कर लिया है.


लखनऊ में ईसाई समुदाय के प्रसिद्ध चेहरे और क्राइस्ट चर्च के मुखिया राकेश कुमार छत्री को बीजेपी ने अल्पसंख्यक मोर्चे का उपाध्यक्ष बनाते हुए बड़ी जिम्मेदारी दी है. ईसाई समुदाय के मुद्दों पर बात करते हुए राकेश कुमार छत्री ने कहा कि हमारा समाज पिछले 200 वर्षों से शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में सेवाएं दे रहा है. राजनीति में ईसाई समाज बहुत पीछे है, लेकिन विकास में अपना योगदान देता रहता है. उन्होंने कहा कि जो भी पार्टी विकास करती है यह समाज उसके साथ चलता है. छत्री ने कहा कि अब उनके भी समुदाय को यह समझ में आ गया है कि केंद्र में मोदी सरकार और प्रदेश में योगी सरकार बेहद तेज़ी से विकास की ओर काम कर रही है.

धर्मांतरण के मामलों पर बोलते हुए राकेश कुमार ने कहा कि हमारे समाज के लिए एक भ्रम फैलाया गया कि जबरन धर्म बदलवाकर लोगों को ईसाई बनाया जाता है. उन्होंने कहा कि हमने और हमारे अन्य धर्मगुरुओं ने इस बात को साफ कर दिया है कि किसी भी चर्च में प्रलोभन देकर या दबाव डालकर धर्म परिवर्तन नहीं कराया जाए. राकेश कुमार ने कहा कि एक वक्त था जब ईसाई आंख बंदकर कांग्रेस के पीछे चलते थे, लेकिन 70 सालों तक समर्थन करने के बाद भी ऐसे समुदाय को जिसका योगदान देश के निर्माण में रहता है, उसको सम्मान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि हमेशा आरोप लगते हैं कि बीजेपी और संघ ईसाइयों के खिलाफ है, लेकिन एक भी घटना ऐसी नहीं हुई जिसमें किसी चर्च पर हुए हमले में बीजेपी या संघ का हाथ रहा हो. उन्होंने कहा कि यह एक खाई पैदा करने के लिए हमेशा भ्रम फैलाया गया, लेकिन सही मायनों में सबसे ज़्यादा अल्पसंख्यक और खास तौर से ईसाई बीजेपी की सरकार में सुरक्षित है.

भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चे के उपाध्यक्ष राकेश कुमार छत्री ने कहा कि भाजपा ने न केवल सिर्फ उन्हें नहीं, बल्कि उनके समाज से आने वाले कई लोगों को अलग अलग पदों से नवाज़ा है और बेहद तेज़ी से उनका समाज भाजपा की ओर जुड़ रहा है. उन्होंने बताया कि नगर निकाय चुनाव में पार्टी ने गोरखपुर, बरेली, लखनऊ समेत उन हर जिलों में जहां पर ईसाई समाज के लोग रहते हैं, वहां कार्यक्रम कर तेज़ी से लोगों को जागरूक करने का भी मिशन दिया गया है. राकेश कुमार ने कहा कि उनका समाज खुद के लोगों को नौकरी देने में सक्षम है. सिर्फ केवल सुरक्षा का मुद्दा ही अहम है जो भारतीय जनता पार्टी से बेहतर कोई और नहीं दे सकता.

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