लखनऊ : उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास विभाग की तरफ से उद्यमियों को मिल रहीं सहूलियत और सुविधाओं ने तमाम बड़े निवेशकों को उत्तर प्रदेश की ओर रूख करने के लिए मजबूर किया है. पिछले साढ़े तीन साल के योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में काफी संख्या में निवेशक यूपी आए और भारी मात्रा में तमाम नए तरह के निवेश से जुड़े प्रस्ताव देकर एमओयू साइन किए.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. कोविड काल में भी आते रहे निवेशक
कोविड-19 के संकट काल में भी बड़े पैमाने पर निवेशक उत्तर प्रदेश आए और करीब 45 हजार करोड़ रुपये के नए निवेश के प्रस्ताव सरकार को दिए. उत्तर प्रदेश में पिछले साढ़े 3 साल की सरकार में 2 लाख करोड़ रुपये के भारी-भरकम निवेश प्रस्तावों पर काम शुरू हो चुका है. इनमें 750 परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जो योगी सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. सरकार उद्यमियों को यह संदेश देने में सफल रही है कि यूपी एक बड़ा राज्य है, जहां उद्यमियों को सहूलियत और सुविधाएं मिल रही हैं. यही कारण है कि सरकार बनने के बाद से लगातार उद्यमी यूपी की तरफ आकर्षित हो रहे हैं.
दो लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर हो रहा काम
औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो पहला इन्वेस्टर समिट हुआ था, मुझे लगता है कि पूरे देश में ऐसा इन्वेस्टर समिट नहीं हुआ था. हम लोगों ने इन्वेस्टर समिट करके उसे छोड़ नहीं दिया था. हमने उसके बाद ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी भी की थी. ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का मतलब मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जिन इंडस्ट्रीज ने एमओयू साइन किए थे, उनके द्वारा जमीन के ऊपर काम किया गया है. उन एमओयू में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की इंडस्ट्रीज के प्रस्ताव हुए थे, जिस पर आज की तारीख में काम शुरू हो चुके हैं. वहां कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू हो गया है या फिर कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू होने की स्थिति में है.
'कोविड संकट काल में भी मिले 45 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव'
औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि इधर कोविड-19 कारण थोड़ी देरी हुई है, लेकिन लेकिन 2 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतरे हैं और इस पर लगातार काम हो रहा है. इससे अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा कोविड-19 को कंट्रोल करने का काम बेहतर तरीके से किया गया.
'उद्यमियों को मिला है संदेश, यूपी में अच्छे एडमिनिस्ट्रेशन की सरकार'
सतीश महाना दावा करते हैं कि उद्यमियों में यह संदेश गया है कि पूरे देश में उत्तर प्रदेश में एक अच्छे एडमिनिस्ट्रेशन की सरकार है, जहां पर व्यक्ति को सहयोग और उसे संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं. सुरक्षा भी उसे उपलब्ध कराई जाएगी. इन सब बातों को लेकर इसी कोविड काल में करीब 45 हजार करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव हमको मिले हैं.
'चाइना से वापस आई सैमसंग डिस्प्ले कंपनी ने यूपी में लगाई फैक्ट्री'
औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया कि महत्वपूर्ण और प्रसन्नता की बात है कि चाइना से जो बड़ी इंडस्ट्री वापस आई हैं, उनमें कोविड-19 के अंतर्गत ही चाइना से सैमसंग डिस्प्ले यूनिट की 4800 करोड़ रुपये की यूनिट उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थापित हुई है. यह हमारे सरकार के ऊपर इंडस्ट्रीज का विश्वास है. पूरे देश की इज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में हम 12वें स्थान से दूसरे स्थान पर आए हैं. पूरे देश को प्रगति के पथ पर चलना है. इसके लिए हम सब लगातार बेहतर काम कर रहे हैं.
औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना. उद्यमियों के लिए 1097 भूखण्ड आवंटित
उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास प्राधिकरण की तरफ से उद्यमियों के उद्यम के लिए करीब 740 एकड़ भूमि (1097 भूखंड) आवंटित किए गए हैं. सरकार के मुताबिक, इन भूखंडों के आवंटन में पूरी पारदर्शिता अपनाई गई और उद्यमियों का सारा काम ऑनलाइन माध्यम से पूरा हुआ. उद्यमियों को भूखंड आवंटन या अन्य किसी काम के लिए इधर-उधर चक्कर नहीं लगाने पड़े.
विदेशी कंपनियों की तरफ से भी खूब आए प्रस्ताव
कोविड संकट काल के दौरान विदेशों से खूब निवेश के प्रस्ताव आए, जिनमें मुख्य रूप से जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, जर्मनी, दक्षिण कोरिया सहित 10 देशों की कंपनियों से करीब 45 हजार करोड़ के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं. इनमें हीरानंदानी ग्रुप द्वारा नोएडा में डाटा सेंटर में 750 करोड़ रुपये का निवेश, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने में 300 करोड़ रुपये का निवेश, एसोसिएटेड ब्रिटिश फूड कंपनी एबी मौरी द्वारा खमीर मैन्युफैक्चरिंग में 750 करोड़ रुपये का निवेश, डिक्शन टेक्नोलॉजी द्वारा कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स में 200 करोड़ रुपये का निवेश, वॉन वेल्स जर्मनी द्वारा फुटवियर निर्माण में 300 करोड़ रुपये का निवेश, सूर्या ग्लोबल फ्लेक्सी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पीओपीपी, बीओपीईटी मेटालाइज्ड फिल्म प्रोडक्शन प्लांट में 953 करोड़ रुपये का निवेश, मैक सॉफ्टवेयर यूएस द्वारा सॉफ्टवेयर विकास में 200 करोड़ रुपये का निवेश, एकैग्रंटा इंक कनाडा द्वारा खाद्यान्न इकाई की स्थापना में 750 करोड़ का निवेश और याजाकी जापान द्वारा वायरिंग हार्नेस व कंपोनेंट्स में 2 हजार करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाएं लगाने के प्रस्ताव दिए गए हैं.