लखनऊःउत्तर प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में बुधवार से खाए नहाए की परंपरा के साथ छठ महापर्व की शुरुआत हो गई. छठ को लेकर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में उत्साह देखने को मिलता है.
क्या है नहाए खाए की परंपरा
नहाए खाए का छठ महापर्व में अपना विशेष महत्व है. इसमें लोग नहा धोकर साफ-सुथरे कपड़े पहनते हैं. पूरे विधि-विधान से लोग लौकी, कद्दू, अरवा चावल का भात, चने की दाल और रोटी बनाकर खाते हैं. इसी के साथ छठ महापर्व की छोटी छट की शुरुआत होती है.
छठ पर साफ-सफाई का होता विशेष ध्यान
बुधवार को नहाए खाए की परंपरा के साथ छठ महापर्व आरंभ हो गया. इस दिन महिलाएं अपने घरों और आंगन की साफ-सफाई करती हैं. छठ महापर्व को लेकर प्रसाद के गेहूं की धुलाई, कुटाई और सुखाने का काम किया जाता है. हैं.
श्रद्धा और शुद्धता का महापर्व है छठ
चार दिवसीय त्योहार की शुरुआत नहाए खाए के होती है. यह त्योहार श्रद्धा और शुद्धता का महापर्व है. इस पर्व पर महिलाएं और पुरुष दोनों ही व्रत रखते हैं. छठ पर्व पर तीन दिन तक व्रत रखना होता है. इसमें दो दिन निर्जल व्रत रखना होता है.