लखनऊ : देश के लिए गर्व की बात है कि बुधवार को चंद्रयान-3 चंद्रमा पर लैंडिंग करेगा. पूरा देश इस ऐतिहासिक पल के इंतजार में है. इसी के तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा चंद्रमा पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस मौके पर रिमोट सेंसिंग सेंटर यूपी लखनऊ में वैज्ञानिक एवं प्रमुख पृथ्वी संसाधन डॉ. अनिरुद्ध उनियाल ने हमारा आकाशीय साथी चंद्रमा और चंद्रयान 3 विषय पर विशेष व्याख्यान दिया. इस मौके पर इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला में कार्यक्रम में शामिल होने आए स्कूली छात्रों ने बातचीत के दौरान कहा कि बहुत सारी चीज सीखने को मिल रही है. यहां आना एक सुखद अनुभव रहा. आज का दिन बहुत ही खास है. इस मौके का इंतजार हर एक भारत के नागरिक को है कि कब चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग सफल होगी.
डॉ. उनियाल ने पृथ्वी और चंद्रमा के बीच आकार में असमानता, चंद्रमा की उत्पत्ति और विकास से संबंधित परिकल्पना, चंद्रमा की सतह पर हाईलैंड्स और गहरे गड्ढ़ों के साथ-साथ चंद्रमा के सबसे बड़े क्रेटर और उच्चतम शिखर की अंतर्दृष्टि के बारे में जानकारी दी. डॉ. उनियाल ने चंद्रमा पर सूर्योदय और सूर्यास्त की अचानकता और चंद्रमा पर आने वाले भूकंपों के पीछे के वैज्ञानिक तर्क और उनके कारणों पर भी चर्चा की. उन्होंने चंद्रमा पर पूर्व मानवयुक्त और मानवरहित दोनों मिशनों का एक सिंहावलोकन भी दिया. जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा संचालित अपोलो मिशन और पूर्व यूएसएसआर (रूस या रशिया) के लूना मिशन और भारत के पहले के चंद्र मिशन शामिल हैं. डॉ. उनियाल ने चंद्रमा की सतह पर पानी के संभावित अस्तित्व और खगोल विज्ञान, खगोल रसायन, खगोल भूविज्ञान, खगोल मौसम विज्ञान और खगोल जीव विज्ञान के क्षेत्रों पर भी चर्चा की.
भारतीय चंद्रमा मिशन यानी चंद्रयान श्रृंखला विषय पर वैज्ञानिक अधिकारी सुमित श्रीवास्तव द्वारा छात्रों का मनोरंजन किया गया. निदेशक अनिल यादव, शिव प्रसाद सचिव डॉ. राजेश गंगवार, संयुक्त निदेशक, डॉ. पूजा यादव, संयुक्त निदेशक और राधे लाल, संयुक्त निदेशक विक्रम की सुरक्षित सॉफ्ट लैंडिंग के लिए शुभकामनाएं की हैं. सीएसटीयूपी से सभी लोग कार्यशाला और लाइव स्ट्रीमिंग में मौजूद रहे. कार्यक्रम में डॉ. अरविंद, राजकीय जुबली इंटर कॉलेज, निर्जला सिंह, जीजीआईसी, शाहमीना रोड, दीप्ति जीजीआईसी छोटी जुबली ने अपने छात्रों के साथ भाग लिया. पूरे कार्यक्रम के दौरान 180 से अधिक छात्र और 60 यूपीएएसी सदस्य मौजूद रहे. छात्रों को यूपीएएसी में शामिल होने के बारे में भी जानकारी दी गई.